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जेल की जमीन पर खुलेगा पेट्रोल पंप, कैदी बेचेंगे तेल

छपरा (सदर) : कारा प्रशासन सजायफ्ता या अन्य बंदियों के श्रम का उपयोग कर विभाग की आय बढ़ाने के साथ-साथ बंदियों के भी एक निश्चित आय का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है . कारा की खाली जमीन पर पेट्रोल पंप खुलेगा , जहां पर कैदी डीजल एवं पेट्रोल बेचने का काम करेंगे. इसे लेकर […]

छपरा (सदर) : कारा प्रशासन सजायफ्ता या अन्य बंदियों के श्रम का उपयोग कर विभाग की आय बढ़ाने के साथ-साथ बंदियों के भी एक निश्चित आय का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है .

कारा की खाली जमीन पर पेट्रोल पंप खुलेगा , जहां पर कैदी डीजल एवं पेट्रोल बेचने का काम करेंगे. इसे लेकर विभागीय निर्देश के आलोक में मंडल कारा छपरा के द्वारा जमीन को चिह्नित कर विभाग को रिपोर्ट कर दिया गया है. बता दें कि प्रशासन बंदियों से विभिन्न प्रकार के कपड़े तैयार कराने तथा उसे अन्य जेलों में बेचकर विभाग एवं बंदियों की आय बढ़ाने का कार्य भी कर रहा है.

छपरा में जेल के बंदी विभागीय पेट्रोल पंप पर करेंगे ड्यूटी
तेलांगना राज्य की तर्ज पर बिहार कारा विभाग ने भी जेल की खाली जमीन पर विभाग का पेट्रोल पंप खोलने तथा उसमें कारा में बंद सजायफ्ता बंदियों को लगाकर विभागीय आय का स्थायी श्रोत बनाने की तैयारी में है. विभाग के निर्देश के आलोक में कारा प्रशासन ने जेल तथा काराधीक्षक के आवास के उत्तर खाली पड़ी जेल की जमीन को चिह्नित किया है.
साथ ही इस संबंध में कारा विभाग को जमीन के संबंध में विस्तृत ब्योरा भी उपलब्ध करा दिया गया है. विभागीय अधिकृत सूत्रों के अनुसार, इस पेट्रोल पंप पर मंडल कारा सजायफ्ता बंदी सुबह से शाम तक पेट्रोल पंप के खुलने की अवधि तक ड्यूटी करेंगे. इससे कारा विभाग को आय के साथ-साथ काम करने वाले बंदियों को भी आमदनी होगी. इसे एक निश्चित दैनिक मजदूरी दी जायेगी. सुबह में कारा से निकलकर काम करेंगे तथा पुन: शाम को कारा में चले आयेंगे. विभाग के इस प्रयास को लेकर वैसे बंदी जो सजायफ्ता तथा बेहतर तकनीकी जानकारी नहीं है. उन्हें अतिरिक्त काम तथा आय की उम्मीद जगी है.
बंदियों के लिए प्रति वर्ष 20 से 22 लाख के कपड़े प्रतिवर्ष तैयार कर बेचता है प्रशासन
मंडल कारा छपरा में विभिन्न सजायाफ्ता या अन्य जानकार बंदियों के द्वारा तैयार किये गये 20 से 22 लाख के कपड़े कारा प्रशासन मोतिहारी, बेतिया, सीवान, गोपालगंज आदि जेलों में आपूर्ति करता है. इन तैयार कपड़ों में बंदियों के लिए पाजामा, हाफ पैंट, शॉल, गंजी आदि शामिल हैं. इसके अलावा अब कारा के बंदियों को कंप्यूटर की शिक्षा देकर भी उन्हें कौशल विकास के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा जो बंदी कंप्यूटर, सिलाई, बुनाई के कार्य में लगे हुए हैं, उन्हें विभाग के द्वारा एक निर्धारित दैनिक मजदूरी दी जाती है, जिससे काम के इच्छुक बंदी का श्रम बेकार नहीं जाता है तथा कारा प्रशासन को भी इससे आय होती है.
कारा विभाग के निर्देश के आलोक में पेट्रोल पंप खोलने के लिए जमीन चिह्नित कर विस्तृत विवरण भेज दिया गया है. तेलंगाना राज्य की तर्ज पर विभाग पेट्रोल पंप चालू कर सजायाफ्ता बंदियों के माध्यम से पेट्रोल पंप का संचालन कर विभाग की आय बढ़ाने के साथ-साथ बंदियों को भी निश्चित आय का स्रोत बनाने की तैयारी में है. बंदी सुबह कारा से पेट्रोल पंप पर जाकर काम करेंगे तथा पुन: शाम को कारा में वापस लौट आयेंगे.
सुभाष प्रसाद, काराधीक्षक, मंडल कारा, छपरा

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