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रांची : बिना इंश्योरेंस सड़कों पर दौड़ रहीं सरकारी गाड़ियां

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी, हाइकोर्ट पहुंचा मामला रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को बिना इंश्योरेंस व बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के सरकारी गाड़ियों के सड़कों पर चलाने को लेकर दायर जनहित याचिका (4428/2019) पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया गया. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने एक्टिंग चीफ जस्टिस […]

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी, हाइकोर्ट पहुंचा मामला
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को बिना इंश्योरेंस व बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के सरकारी गाड़ियों के सड़कों पर चलाने को लेकर दायर जनहित याचिका (4428/2019) पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया गया. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में मामले को विशेष मेंशन करते हुए सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया. खंडपीठ ने मामले को नियमित बेंच में मेंशन करने की बात कही.
यह है मामला : सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एक तरफ सरकार मोटरयान अधिनियम में संशोधन कर उसे लागू किया है. आमलोगों को ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराने का अभियान चलाया जा रहा है. ट्रैफिक पुलिस नियम तोड़नेवाले लोगों से भारी-भरकम जुर्माना काट रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार की हजारों गाड़ियां बिना इंश्योरेंस के ही सड़कों पर दाैड़ रही हैं. प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है. डीटीअो की गाड़ी हो या किसी अन्य अधिकारी (जिन्हें वाहन उपलब्ध है) की सरकारी गाड़ी हो, इंश्योरेंस नहीं कराया जाता है. सरकारी गाड़ियों की न तो जांच होती है और न ही नियम तोड़ने पर उनसे जुर्माना ही वसूला जाता है. इसका खुलासा सूचनाधिकार अधिनियम से हुआ है.
संशोधित अधिनियम कहता है : बिना इंश्योरेंस के सड़क पर नहीं लाया जा सकता कोई वाहन
बोकारो के कृष्णापुरी कॉलोनी निवासी रवि कुमार शर्मा को अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना में सरकार के विभागों द्वारा जो जानकारी दी गयी है, उसके अनुसार सरकारी वाहनों का इंश्योरेंस नहीं कराया जाता है. हालांकि, मोटरयान अधिनियम 1988 (संशोधित 2019) में इंश्योरेंस व रजिस्ट्रेशन के मामले में कहा गया है कि बिना इंश्योरेंस व रजिस्ट्रेशन के कोई भी गाड़ी सड़क पर नहीं लायी जा सकती है.
हालांकि, एक्ट की धारा 146 (1) में सरकार की कॉमर्शियल उपयोग के वाहन को छोड़ कर अन्य गाड़ियों के इंश्योरेंस से छूट दी गयी है. इंश्योरेंस नहीं कराने के पीछे झारखंड सरकार के वित्त विभाग के पत्र संख्या वित्त 4-115/2002-6188 वि, दिनांक 5.2.2002 का हवाला दिया जाता है, जिसके अनुसार सरकारी कार्यालय या संस्था जिनके पास सरकारी वाहन है, को किसी भी प्रकार के मोटर वाहन के लिए बीमा नहीं कराना चाहिए.
उक्त पत्र (पत्र संख्या वित्त 4-115/2002-6188 वि, दिनांक 5.2.2002) तत्कालीन अपर वित्त आयुक्त जेबी तुबिद के हस्ताक्षर से जारी किया गया था. परिवहन विभाग के जन सूचना पदाधिकारी, पुलिस मुख्यालय के जन सूचना पदाधिकारी, चास नगर निगम के जन सूचना पदाधिकारी ने भी उपरोक्त सूचना दी है. प्रार्थी रवि कुमार शर्मा ने झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बिना इंश्योरेंस सरकारी गाड़ियों के परिचालन को तत्काल रोकने की मांग की है.

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