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रांची : एनएचएम का कोई अनुबंध कर्मी नियमित नहीं हो सकता

स्वास्थ्य सचिव ने नौ जुलाई को जारी आदेश में कहा रांची : स्थायीकरण के लिए दायर याचिका अभिषेक कुमार व अन्य बनाम राज्य सरकार (डबल्यूपीएस-65/2018) तथा ऐसे अन्य मामले में पारित न्यायिक आदेश के अनुपालन के क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने 17 जनवरी 2019 को एक आदेश पारित किया था.इसके जरिये वादियों की सेवा स्थायीकरण […]

स्वास्थ्य सचिव ने नौ जुलाई को जारी आदेश में कहा
रांची : स्थायीकरण के लिए दायर याचिका अभिषेक कुमार व अन्य बनाम राज्य सरकार (डबल्यूपीएस-65/2018) तथा ऐसे अन्य मामले में पारित न्यायिक आदेश के अनुपालन के क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने 17 जनवरी 2019 को एक आदेश पारित किया था.इसके जरिये वादियों की सेवा स्थायीकरण संबंधी दावा तीन महत्वपूर्ण बिंदुअों के मद्देनजर अमान्य कर दिया गया था. अब स्वास्थ्य सचिव ने नौ जुलाई को इसी संदर्भ में एक आदेश जारी किया है.
जिसमें एनएचएम की सेवा शर्त का उल्लेख करते हुए यह स्पष्ट कर दिया गया है कि एनएचएम (नेशनल रूरल व अरबन हेल्थ मिशन) के कर्मियों को स्थायी नहीं किया जा सकता, भले ही वह 10 वर्ष या अधिक की सेवा दे चुके हों. संबंधित आदेश (सुविवेचित) के महत्वपूर्ण बिंदु यहां दिये जा रहे हैं, जो एएनएम-जीएनएम सहित एनएचएम के अन्य सभी 10 हजार कर्मियों के लिए भी लागू होते हैं.
क्या हैं अादेश के मुख्य बिंदु
कर्मियों की नियुक्ति केंद्र प्रायोजित योजना अंतर्गत कार्य व्यवस्था के तहत अस्थायी अनुबंध आधारित है.नियुक्ति पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि इसे भविष्य में स्थायी नियुक्ति के लिए दावा नहीं समझा जायेगा तथा कोई दावा मान्य नहीं होगा.
ये नियुक्तियां नियमित स्वीकृत पद के विरुद्ध नहीं की गयी है.
सरकार द्वारा सेवा स्थायीकरण के लिए जारी की गयी अधिसूचना/संकल्प/परिपत्र//अन्य दस्तावेजों के आलोक में सम्यक विचारोपरांत यह बात स्पष्ट होती है कि किसी कार्यरत कर्मी का पद यदि स्वीकृत न हो तथा वह निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं करता हो, तो बाद में उसके द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता प्राप्त कर लेने पर भी उसकी सेवा नियमित करने पर विचार नहीं किया जायेगा.
अावेदकों (एनएचएम के सभी अनुबंध कर्मियों पर लागू) की अस्थायी नियुक्ति किसी स्वीकृत पद के विरुद्ध नहीं है.झारखंड रूरल हेल्थ मिशन एक निबंधित सोसाइटी है तथा यह केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देशानुसार विभिन्न स्वास्थ्य योजनाअों का कार्यान्वयन झारखंड में अस्थायी रूप से करती है.
यह प्रत्येक वर्ष अपने वार्षिक बजट व जरूरत अनुसार कर्मियों को अस्थायी रूप से एक वर्ष के लिए नियुक्त करती है.वार्षिक मूल्यांकन व जरूरत के अाधार पर इन कर्मियों को पुन: एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जाता है.
भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अब तक किसी भी राज्य के स्वास्थ्य मिशन कर्मियों का स्थायीकरण नहीं किया है.चूंकि इन कर्मियों को उनके मानदेय का 60 फीसदी भुगतान केंद्र सरकार करती है, इसलिए बगैर उसकी अनुमति के किसी कर्मी को स्थायी किया जाना संभव नहीं है.
इन कर्मियों को स्थायी करने का दावा तब तक मान्य/स्वीकार नहीं किया जा सकता, जब तक वैसे कर्मी, कार्मिक विभाग के संकल्प (सं-1348, दिनांक-13.2.15) की कंडिका तीन में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करते.
अत: 18.5.19 को पारित अंतरिम आदेश तथा उपरोक्त तथ्य के आलोक में अभिषेक कुमार व अन्य की सेवा नियमित करने संबंधी आवेदन विधिसम्मत नहीं होने के कारण अस्वीकृत किया जाता है.

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