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रांची : ढुल्लू मार्शल आउट, एक दिन की कार्यवाही से हुए निलंबित, जानें नेताओं की प्रतिक्रिया

विधानसभा से मार्शल आउट होनेवाले पहले विधायक हैं, विस्थापन के मुद्दे पर सरकार के जवाब के बाद भी अड़े हुए थे रांची : सत्ता पक्ष के विधायक ढुल्लू महतो मंगलवार को बजट सत्र की कार्यवाही से मार्शल आउट किये गये़ स्पीकर ने बाघमारा विधायक श्री महतो को एक दिन की कार्यवाही से निलंबित भी किया़ […]

विधानसभा से मार्शल आउट होनेवाले पहले विधायक हैं, विस्थापन के मुद्दे पर सरकार के जवाब के बाद भी अड़े हुए थे
रांची : सत्ता पक्ष के विधायक ढुल्लू महतो मंगलवार को बजट सत्र की कार्यवाही से मार्शल आउट किये गये़ स्पीकर ने बाघमारा विधायक श्री महतो को एक दिन की कार्यवाही से निलंबित भी किया़ वर्तमान विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायक श्री महतो मार्शल आउट होनेवाले पहले विधायक है़ं
मालूम हो कि बीसीसीएल में विस्थापिताें के एक सवाल पर सरकार के जवाब के बाद भी श्री महतो अड़े थे़ वह अपनी सीट से खड़ा हो कर बार-बार सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे थे़ वहीं, स्पीकर दिनेश उरांव का कहना था कि सरकार का जवाब आ गया है, आप विस्थापितों की सूची सरकार को दे दें, कार्रवाई होगी़ लेकिन विधायक अड़े रहे़
वह अपनी सीट पर नहीं बैठ रहे थे़ विधायक का कहना था कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है़ स्पीकर विधायक की बात से झल्ला गये. उन्होंने कहा : जब बैठने को कहा जा रहा है, तो बैठ जाये़ं जबर्दस्ती नहीं है़ विषय सदन में आ गया है, सरकार कार्रवाई कर रही है़
सत्ता पक्ष के दूसरे विधायकों ने भी उन्हें बैठ जाने को कहा, लेकिन ढुल्लू मानने के लिए तैयार नहीं थे़ इसके बाद स्पीकर अपनी सीट से खड़े हो गये़ उन्होंने मार्शल को आदेश दिया कि विधायक को बाहर करे़ं विधायक ने भी निकलते-निकलते कहा : हमको निकाल दीजिए, लेकिन हम बोलेंगे़ ऐसा नहीं चलेगा़ स्पीकर ने कहा कि आपको आज दिन भर की कार्रवाई से बाहर किया जा रहा है़ आप निलंबित किये जा रहे है़ं उन्होंने सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर को कहा : अपने विधायक को बाहर कीजिए़
इसके बाद तमतमाये विधायक बाहर निकले़ मालूम हो कि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही ढुल्लू महतो ने कुछ रैयतों के नाम उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी जमीन चली गयी है़ मुआवजा भी नहीं मिला और नौकरी भी नहीं मिली़ रैयत भुखमरी के स्थिति में है़ं आत्महत्या और आत्मदाह करने की बात कर रहे है़ं हम खदान बंद कराने जायेंगे, तो लोग कहेंगे की हम रंगदारी मांग रहे है़ं सवाल का जवाब देते हुए मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि बीसीसीएल के अधिकारी को बुलाया गया था़ उनका कहना है कि किसी रैयत का मुआवजा बाकी नहीं है़
2015 के बाद चार गुना दर से मुआवजा दिया जा रहा है़ कपुरिया क्षेत्र में अधिग्रहण हो रहा है, तो चार गुना दर से मुआवजा मिल रहा है़ फिर भी यदि किसी को मुआवजा नहीं मिला है, तो विधायक हमें रैयत की सूची दें, इसे दिखवा लिया जायेगा़ लेकिन, ढुल्लू महतो मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं थे़
आगे भी बात रखेंगे नहीं मानी गयी, तो आंदोलन होगा
विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए विधायक ने कहा कि हम अपनी बात रखना चाह रहे थे़ किसी ने हमारी बात नहीं सुनी़ विधानसभा अध्यक्ष ने खुद ही तिथि तय की थी कि इस पर आज जवाब आयेगा़ सरकार के पास मामला रख रहे है़ं विस्थापितों के साथ अन्याय हो रहा है़ आज बात रखी है, आगे भी रखेंगे. बात नहीं मानी गयी तो आंदोलन करेंगे़ सवाल विस्थापितों का है़
उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 19 हुई
रांची : मुख्यमंत्री ने बजटीय भाषण में बताया कि राज्य में उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 21 से घटकर 19 हो गयी है. अति उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 16 से घटकर 13 रह गयी है. वर्ष 2019-20 में अन्य जिलों को भी उग्रवाद से मुक्त कराने की कोशिश होगी. पूर्व में 200 से अधिक उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं, 125 से अधिक उग्रवादियों ने सरेंडर किया. उग्रवादी हिंसा में 50 प्रतिशत की कमी आयी है.
उग्रवाद से अति प्रभावित 13 जिलों में सार्वजनिक बुनियादी सेवाओं में व्याप्त खामियों को खत्म करने के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में 20 करोड़ रुपये की राशि प्रति जिला की दर से कुल 260 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है. पूर्व की आपातकालीन सेवा डायल 100, डायल 101 और डायल 108 को एकीकृत कर डायल 112 योजना लागू की जायेगी. इसके लिए नियंत्रण कक्ष बनाने का काम प्रारंभ हो चुका है.
केंद्र प्रायोजित पुलिस बलों के आधुनिकीकरण योजना एसआइएस के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 में झारखंड राज्य एसटीएफ को मजबूत बनाने के लिए एसआइबी की स्थापना और 64 पुलिस स्टेशन का निर्माण किया गया. भारत सरकार द्वारा 12 अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त राज्य सरकार ने अतिवृष्टि, सर्पदंश, खनन से उत्पन्न आपदा, रेडिएशन, नाव दुर्घटना, नदी, डोबा या जलप्रपात, भगदड़ और गैस रिसाव संबंधी आपदा को विशिष्ट स्थानीय आपदा के रूप में घोषित किया है.
मुख्य सचिव के साथ कार्मिक सचिव मामले को देखेंगे, फिर होगा विचार
जेपीएससी मुख्य परीक्षा रद्द करने की मांग, बोले सीएम
रांची : जेपीएससी की मुख्य परीक्षा विवाद में फंस गयी है़ मंगलवार को पक्ष-विपक्ष के विधायक मुख्य परीक्षा को रद्द करने की मांग पर एक हो गये. विधायकों का कहना था कि परीक्षा को तत्काल रद्द किया जाये़ इसमें आरक्षण सहित कई नियमों का पालन नहीं हुआ है़ जिन्होंने फॉर्म नहीं भरा है, उसे भी एडमिट कार्ड भेज दिया गया है़ इसमें भारी अनियमितता हुई है़
वहीं, सरकार का कहना था कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है़ सरकार की सीमा है, अपना दायरा है़ हाइकोर्ट के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई होगी़ वहीं, पक्ष-विपक्ष का कहना था कि सदन में मामला आया है, तो सदन अपने स्तर से फैसला ले सकता है़ स्पीकर नियमन दे़ं परीक्षा पर रोक लगे़ विधायकों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पिछले बजट सत्र में भी यह मामला आया था़ उसके बाद कमेटी बनी थी़ मामला कोर्ट में है़
मुख्य सचिव व कार्मिक सचिव को कहा गया है़ दोनों अधिकारी इस मामले को देखेंगे, उसके बाद सरकार विचार करेगी़ मुख्यमंत्री के जवाब के बाद पक्ष-विपक्ष शांत हुआ़ हालांकि सदस्य बाउरी कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे़ विधायकों का कहना था कि जेपीएससी के मामले में अमर बाउरी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है़ इसका प्रतिवेदन भी सदन की संपत्ति है़ इसे सदन में लाया जाना चाहिए़
किसने क्या कहा
सदन सर्वोपरि है, कोर्ट का बहाना नहीं बनाये सरकार, राज्य की जनता को संरक्षण दें : हेमंत
मामला न्यायालय में है, तो फिर परीक्षा की प्रक्रिया कैसे चल रही है : किशोर
जेपीएससी में गड़बड़ी है, नौजवानों का सवाल है, तत्काल रद्द करें परीक्षा : प्रदीप
यह जनता की अदालत है, तय करना होगा कि न्यायिक अदालत से ऊंचा है या नहीं : शिवशंकर
गंभीर विषय है, कोर्ट के आदेश के बाद भी आसन का निर्णय आया है : भानु
बजट विकासोन्मुखी, आदिवासी-मूलवासी के अनुरूप है
सरकार द्वारा बजट पेश किये जाने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा
रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा है कि इस बजट में अंत्योदय के साथ सबका साथ-सबका विकास मंत्र सफल हुआ है़ बजट विकासोन्मुखी है़ आदिवासी-मूलवासी की भावना के अनुरूप है़ झारखंड के महापुरुषों व वीर शहीदों को समर्पित है़
सांसद समीर उरांव ने कहा है कि जनवरी में ही बजट पेश करने की परंपरा प्रारंभ कर केंद्र और राज्य की सरकार ने बजट राशि के अधिकतम खर्च होने को बढ़ावा दिया है़ 2019–20 का 85,429 करोड़ का बजट अनुमान स्वागत योग्य कदम है़ उपाध्यक्ष प्रो आदित्य साहू ने कहा कि बजट पूर्णत: समावेशी और सर्वस्पर्शी है, जिसमें गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा पर विशेष फोकस किया है़ यह बजट भाजपा के प्रेरणा पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के लक्ष्य को पूर्ण करनेवाला है़
भाजपा नेता हेमलाल मुर्मू, विद्युतवरण महतो, उषा पांडेय, प्रिया सिंह पटेल, प्रदीप वर्मा, महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, महामंत्री सुनील कुमार सिंह, दीपक प्रकाश, अनंत ओझा, मंत्री नवीन जायसवाल, मुनेश्वर साहू, मनोज सिंह, नूतन तिवारी, सरिता श्रीवास्तव, गणेश मिश्र, प्रवक्ता जेबी तुबिद, राजेश शुक्ला, प्रतुल शाहदेव, प्रवीण प्रभाकर, अनिल सिन्हा, मिसफिका हसन, हेमंत दास, संजय जायसवाल, रविनाथ किशोर आदि ने बजट का स्वागत किया है़
राज्य की दशा-दिशा बदलेगा बजट : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री व लोकसभा के प्रभारी मंगल पांडेय ने कहा है कि विकासोन्मुखी बजट न सिर्फ झारखंडवासियों की उम्मीदों को पूरा करेगा, बल्कि इस बजट से राज्य की दशा व दिशा भी बदलेगी़ प्रारंभ से ही पार्टी प्रदेश के चौमुखी विकास के लिए समर्पित है और सबका साथ–सबका विकास कर रही है़
श्री पांडेय ने कहा कि यह बजट किसानों एवं युवाओं के अलावा आधी आबादी को भी राहत देगा़ रघुवर सरकार के कार्यकाल में झारखंड का न सिर्फ समग्र विकास हो रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर मिल रहे है़ं
प्रदेश में 50 हजार करोड़ का निवेश करा कर मुख्यमंत्री ने झारखंड को समृद्ध बनाने का काम किया है. किसानों को आशीर्वाद योजना के तहत प्रति एकड़ पांच हजार की आर्थिक सहायता मील का पत्थर साबित होगी.
बजट का आकार बढ़ाने से भला नहीं होगा : डॉ अजय
रांची : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा कि बजट का आकार बड़ा करने से राज्य का भला होनेवाला नहीं है. जितना बजट का आकार दिया जाता है, उतना पैसा खर्च करने में राज्य सरकार असफल दिखायी दे रही है.
दिसंबर तक बजट की 50 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी है. अब तीन माह में 50 प्रतिशत राशि खर्च करनी है. इसलिए बार-बार मार्च लूट की बात कही जाती है. किसानों का कितना भला हुआ है, वह किसी से छुपा हुआ नहीं है. अब किसानों को आशीर्वाद देने की योजना मुख्यमंत्री बना रहे हैं और बजट में किसान आशीर्वाद का प्रावधान किया है.
इससे पता चलता है कि पिछले चार सालों में किसानों की हालत बद से बदतर हुई है. बच्चों के लिए अलग से बजट में प्रावधान करना यह दर्शाता है कि पिछले चार साल के बजट से बच्चों का भला नहीं हुआ है. सरकार बजट में चाहे जितनी बड़ी बातें कहें, लेकिन हकीकत यह है कि बजट में जो बातें कही जाती है, वह धरातल पर उतरती नजर नहीं आती है.
हाइकोर्ट की बढ़ी राशि नहीं की गयी है नियमित
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के लिए बढ़ायी गयी राशि को सरकार ने अब तक नियमित नहीं किया है. विधानसभा के अंदर अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री नीलकंठ मुंडा ने इस मुद्दे पर बात कही थी. इसमें कहा गया था कि हाइकोर्ट निर्माण के लिए जो राशि बढ़ी है, उसे सरकार ने अब तक नियमित नहीं किया है. अभी और कोई अतिरिक्त राशि की स्वीकृति भी नहीं मिली है.
निराशाजनक व काल्पनिक है रघुवर सरकार की बजट : झाविमो
रांची : झाविमो प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप ने कहा है कि बजट काल्पनिक व निराशाजनक है़ न तो गांव को कुछ खास हाथ लगा और न ही शहर के लिए कुछ है़ सभी वर्गों को निराशा ही हाथ लगी है़ यह बजट आम जनता के हित में कम बल्कि भाजपा के लिए चुनावी वैतरणी पार करने का रोडमैप अधिक प्रतीत होता है़
श्री सिंह ने कहा कि लोक लुभावन व काल्पनिक भाषणों की झलक भी बजट में दिख रही थी. 23 जनवरी 2018 को पेश किये गये बजट के दौरान दीपावली तक पूरे राज्य को रोशन करने की बात कही गयी थी, परंतु सरकार ऐसा कुछ नहीं कर पायी़ इसलिए रघुवर सरकार की कथनी और करनी पर तनिक भी भरोसा अब झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता को नहीं रहा़
जेपीएससी के सचिव जगजीत सिंह का ट्रांसफर, रणेंद्र को प्रभार
रांची : जेपीएससी के सचिव आइएएस जगजीत सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया है. उन्हें गृह विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है. जबकि डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक आइएएस रणेंद्र कुमार को जेपीएससी सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
बताया जाता है कि जगजीत सिंह के पुत्र जेपीएससी छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. आदिवासी छात्र संगठनों ने आरोप लगाया था कि मुख्य परीक्षा में श्री सिंह के पुत्र शामिल हो रहे हैं. एेसे में उनका सचिव पद पर रहना उचित नहीं है. इधर श्री सिंह ने पूर्व में ही आयोग व सरकार को लिखित जानकारी दी थी कि मुख्य परीक्षा में उनके पुत्र शामिल हो रहे हैं, इसलिए उन्हें सिविल सेवा परीक्षा से अलग रखा जाये.
श्री सिंह फिलहाल छठी सिविल सेवा परीक्षा कार्य से अलग थे. मालूम हो कि जगजीत सिंह ने सचिव के पद पर रहते हुए काफी दिनों से लंबित परीक्षाअों का निष्पादन कराया. कई परीक्षाएं लेने की तैयारी चल रही थी. इधर 28 जनवरी से छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का आयोजन नये प्रभारी सचिव रणेंद्र की देखरेख में होगा.
पीएम कर सकते हैं साहेबगंज सीवरेज प्लांट का उदघाटन
रांची : साहेबगंज सीवरेज प्लांट का उदघाटन प्रधानमंत्री के हाथों संभावित है. नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने सीवरेज प्लांट का निर्माण कर रही कंपनी को फरवरी के प्रथम सप्ताह तक काम पूरा करने का निर्देश दिया है.
श्री सिंह ने साहेबगंज और राजमहल में नमामि गंगे परियोजना के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. दोनों शहरों में प्रस्तावित छह गंगा घाट और रीवर फ्रंट डेवलपमेंट कार्यों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. कहा कि सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्य की गति तेज की जानी चाहिए. काम कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि साहेबगंज में बन रहे दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य फरवरी तक पूरा कर लिया जायेगा.
उसके तुरंत बाद प्लांट शुरू किया जा सकता है. कंपनी ने राजमहल में भी जून तक प्लांट पूरा करने के प्रति आश्वस्त किया. साहेबगंज सीवरेज प्रोजेक्ट से 17,000 घरों को जोड़ा जाना है. वहीं, राजमहल में प्रस्तावित सीवरेज प्रोजेक्ट में 6000 हाउस होल्ड जोड़े जायेंगे. बैठक में स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी के निदेशक अमित कुमार, नगर विकास, जुडको और सूडा के अधिकारी मौजूद थे.
रांची : केंद्र की योजनाओं का लाभ नहीं ले रहा झारखंड-बिहार : पंकज कुमार
रांची : झारखंड और बिहार की सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ सही तरीके से नहीं ले पा रही है. अधिकारियों की सुस्ती के कारण फंड रिलीज नहीं हो पा रहे हैं. अगर फंड रिलीज हो भी रहे हैं, तो इसका पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. यह बातें ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, ऊर्जा मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार ने कही. वे मंगलवार को ली-लैक सराेवर पोर्टिको में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे.
श्री कुमार ने कहा कि राज्य सरकार अगर केंद्र के फंड का इस्तेमाल नहीं करेगी, तो राज्य विकास नहीं कर सकता है. पैसा खाता में पड़ा रहेगा और लाभुक तक नहीं पहुंच पायेगा. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए दो करोड़ रुपये की राशि दी है, लेकिन अब तक इसका पूरा उपयोग नहीं हो सका है.
ज्रेडा के प्रोजेक्ट निदेशक अरविंद प्रसाद ने कहा कि एमएसएमइ सेक्टर में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है. इस दौरान एमएसएमइ-विकास संस्थान के निदेशक पवन कुमार गुप्ता, जेसिया के मानद सचिव अंजय पचेरीवाला, हरि प्रसाद बियानी, लघु उद्योग भारती के हंस राज जैन आदि ने विचार रखे.

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