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रांची : अब किस बात का इंतजार, एस्सेल इंफ्रा को जल्द से जल्द टर्मिनेट करें
रांची : पिछले पांच दिनों से राजधानी रांची के 33 वार्डों में कचरा उठाने का काम पूरी तरह से ठप है. कचरा उठानेवाली कंपनी एस्सेल इंफ्रा के 200 से अधिक कचरा उठानेवाले वाहनों में तेल नहीं भराया जा रहा है. इस वजह से ये वाहन कचरा ट्रांसफर स्टेशनों (एमटीएस) में ही खड़े हैं. वहीं, पांच […]
रांची : पिछले पांच दिनों से राजधानी रांची के 33 वार्डों में कचरा उठाने का काम पूरी तरह से ठप है. कचरा उठानेवाली कंपनी एस्सेल इंफ्रा के 200 से अधिक कचरा उठानेवाले वाहनों में तेल नहीं भराया जा रहा है.
इस वजह से ये वाहन कचरा ट्रांसफर स्टेशनों (एमटीएस) में ही खड़े हैं. वहीं, पांच दिनों से कचरे का उठाव नहीं होने के कारण शहर के गली-मोहल्ले की हालत काफी खराब हो गयी है.
इधर, कंपनी द्वारा लगातार पांच दिनों से कचरे का उठाव नहीं किये जाने के विरोध में 11 पार्षदों ने सोमवार को नगर आयुक्त मनोज से मुलाकात की. पार्षदों ने नगर आयुक्त से कहा कि अब किस बात का इंतजार है. जल्द से जल्द एस्सेल इंफ्रा को टर्मिनेट किया जाना चाहिए.
कंपनी को हटाने का मुद्दा एक बार से फिर से गरमाया : बिना सूचना के पांच दिनों तक सफाई कार्य नहीं करने पर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरिजा शंकर प्रसाद ने स्वास्थ्य पदाधिकारी व सिटी मैनेजर के साथ बैठक की. इसमें कंपनी पर बिना सूचना के काम बंद किये जाने पर टर्मिनेट करने का निर्णय लिया गया. अपर नगर आयुक्त ने कहा कि शहर के सभी वार्डों को कचरा मुक्त करने के लिए निगम हर संभव कदम उठायेगा.
रात में चला विशेष सफाई अभियान : अपर नगर आयुक्त के आदेश पर सोमवार रात से विशेष सफाई अभियान प्रारंभ कर दिया गया. इस सफाई अभियान के तहत रांची एमएसडब्ल्यू के क्षेत्राधिकार में आने वाले 33 वार्डों में निगम के ट्रैक्टर लगाकर कचरा का उठाव किया गया. इस विशेष अभियान में निगम ने 120 सफाईकर्मी, 36 टाटा एस, 15 ट्रैक्टर, चार कॉम्पेक्टर, एक बुल ट्रैक्टर एवं दो जेसीबी मशीन को लगाया गया था.
कंपनी ने कहा : नगर निगम पर बकाया है 8.39 करोड़ रुपये
रांची नगर निगम और कंपनी के बीच उभरे इस विवाद पर एस्सेल इंफ्रा के अधिकारी गोपाल गुप्ता ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि कंपनी का नगर निगम पर 8.39 करोड़ रुपये बकाया हैं.
उन्होंने कहा है कि नगर निगम ने 53 वार्डों में से 33 वार्डों में कंपनी को साफ सफाई का काम दिया है, लेकिन निगम ने कंपनी द्वारा किये गये काम का भुगतान नहीं किया है. इस कारण कंपनी को कार्य करने में दिक्कत आ रही है. निगम जल्द से जल्द बकाया भुगतान करे, ताकि कंपनी अपने वाहनों में डीजल भरवा सके. साथ ही अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दे सके.
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