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रांची : रोजगार के लिए लोन नहीं दे रहे बैंक, 6345 आवेदन रद्द

सुनील चौधरी रांची : बेरोजगारों को स्वरोजगार की ओर ले जाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार कई योजनाओं को संचालित कर रही है. इसमें लोन देने से लेकर सब्सिडी तक का प्रावधान है. ऐसी ही एक योजना है प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी). जिसमें 25 लाख रुपये तक का लोन स्वरोजगार के लिए […]

सुनील चौधरी
रांची : बेरोजगारों को स्वरोजगार की ओर ले जाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार कई योजनाओं को संचालित कर रही है. इसमें लोन देने से लेकर सब्सिडी तक का प्रावधान है. ऐसी ही एक योजना है प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी). जिसमें 25 लाख रुपये तक का लोन स्वरोजगार के लिए मिलता है और सरकार 25 फीसदी सब्सिडी देती है.
पर झारखंड में इस योजना के लिए लोन देने में बैंकों की रुचि कम है.राज्य में खादी आयोग(केवीआइसी) व जिला उद्योग केंद्रों द्वारा बेरोजगारों से आवेदन लिये जाते हैं. इनके आवेदन की स्क्रूटनी और साक्षात्कार के बाद बैंकों को लोन देने की अनुशंसा की जाती है.
वित्तीय वर्ष 2019 में छह मार्च तक राज्य सरकार द्वारा कुल 10,021 आवेदकों को लोन देने की अनुशंसा करते हुए बैंकों को भेजे गये. पर बैंकों द्वारा 6345 आवेदन रद्द कर दिये गये. जो कुल आवेदन का 63 फीसदी है. उद्योग विभाग इस योजना के लिए नोडल विभाग है. यह योजना पूरी तरह केंद्र प्रायोजित है.
2705.36 लाख रुपये के लोन वितरित : राज्य सरकार द्वारा 10,021 आवेदकों के लिए 26,253.05 लाख रुपये लोन की अनुशंसा की गयी. इन आवेदकों ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से लेकर व्यवसाय करने के लिए आवेदन दिये थे. इनमें से बैंकों द्वारा 1473 आवेदन के लिए 3512.56 लाख रुपये लोन स्वीकृत किये गये. बैंकों द्वारा छह मार्च तक 1075 आवेदकों के बीच 2705.36 लाख रुपये के लोन दिये गये.
अावेदन रद्द कर दिया जाना गंभीर बात है
उद्योग विभाग प्राथमिकता पर लेकर बेरोजगारों की परियोजनाओं को स्वीकृति देती है. पर बैंकों द्वारा अावेदन रद्द कर दिया जाता है. यह गंभीर बात है. ऐसे में बेरोजगारी दूर कैसे होगी. बैंक एनपीए अथवा अन्य कई कारण बताते हैं. पर सरकार की प्राथमिकता है यह भी देखना चाहिए. एक बार फिर बैंकों के साथ बैठक कर पूरी स्थिति की समीक्षा की जायेगी.
क्या है जिलावार स्थिति
जिला बैंकों को अनुशंसा रद्द हुए
बोकारो 634 439
चतरा 284 181
देवघर 452 253
धनबाद 692 471
दुमका 591 387
गढ़वा 212 130
गिरिडीह 280 168
गोड्डा 378 196
हजारीबाग 636 426
जामताड़ा 449 327
खूंटी 325 257
कोडरमा 192 94
लातेहार 201 156
लोहरदगा 307 192
पाकुड़ 285 184
पलामू 443 193
प.सिंहभूम 389 230
पू.सिंहभूम 907 553
रामगढ़ 462 272
साहेबगंज 368 235
सरायकेला-खरसावां 398 240
सिमडेगा 169 111
कुल 10021 6345
एनपीए की वजह से बैंक कतराते हैं
बैंक के सूत्रों ने बताया कि पीएमइजीपी में लोन के एनपीए होने का खतरा ज्यादा रहता है. पूर्व में भी कई लोन एनपीए हो चुके हैं. इसकी वजह से पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही लोन दिया जाता है.

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