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झारखंड : बिना जमीन के ही PM से करा दिया था डेयरी प्लांट का शिलान्यास, अब तक नहीं मिली जमीन, हो रही है तलाश

शकील अख्तर रांची : सरकार ने बिना जमीन के ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से साहेबगंज डेयरी प्लांट का शिलान्यास करा दिया था. प्रधानमंत्री ने छह अप्रैल 2017 में साहेबगंज यात्रा के दौरान इस योजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया था. पर करीब नौ माह बीत जाने के बाद भी साहेबगंज जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर […]

शकील अख्तर
रांची : सरकार ने बिना जमीन के ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से साहेबगंज डेयरी प्लांट का शिलान्यास करा दिया था. प्रधानमंत्री ने छह अप्रैल 2017 में साहेबगंज यात्रा के दौरान इस योजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया था. पर करीब नौ माह बीत जाने के बाद भी साहेबगंज जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर महादेवगंज स्थित गोशाला के निकट 34 करोड़ की लागत से प्रस्तावित इस डेयरी प्लांट का काम शुरू नहीं हो पाया है. खबर है कि अब तक इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है.
इसके लिए करीब 18 करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिये गये हैं.कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने जुलाई 2017 में पलामू व देवघर डेयरी प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. पर इन दोनों के काम भी अधर में लटके हुए हैं. तीनों योजनाओं के काम नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की ओर से किये जाने थे. एनडीडीबी की ओर से कई बार जमीन देने का आग्रह सरकार से किया जा चुका है.
देवघर डेयरी प्रोजेक्ट का काम नहीं शुरू होने से जामताड़ा में बीपीएल परिवारों के बीच गाय नहीं बांटी जा सकी है. जिले ने 2.98 करोड़ की राशि यह कहते हुए लौटा दी है कि यहां चिलिंग प्लांट नहीं है. एेसे में जिन्हें गाय दी जायेगी, वे दूध कहां बेचेंगे, क्योंकि लाभुकों को दी जानेवाली 10% कर्ज की राशि की वसूली मिल्क फेड को बेचे गयेे दूध के मूल्य में से करनी है. जामताड़ा में 500 गाय बांटने का लक्ष्य निर्धारित था. पलामू में भी 400 गाय बांटने का लक्ष्य था. पर डीडीओ ने यह कहते हुए इस मद में मिली 2.38 करोड़ की राशि लौटा दी है कि कर्ज के रूप में देने के लिए 10 प्रतिशत राशि उपलब्ध नहीं है.
छह अप्रैल 2017 को पीएम ने किया था ऑनलाइन शिलान्यास
अब तक नहीं मिली जमीन, हो रही है तलाश पूरा नहीं हो सका है गाय वितरण का लक्ष्य
गाय वितरण योजना के लिए निर्धारित लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका है. 2017 तक 26,148 गाय बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसके लिए 144.32 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. इस राशि में से डीडीओ ने ट्रेजरी से 142.81 करोड़ रुपये की निकासी कर बैंकों में रख दिये. इनमें 70.34 करोड़ खर्च कर 12224 गाय बांटी गयी. बाद में 72.47 करोड़ रुपये में से 70.36 करोड़ रुपये 12646 गाय बांटने के लिए विमुक्त किये गये. पर 26.94 करोड़ की लागत पर 4563 गाय बांटी गयी. शेष 43.42 करोड़ रुपये बैंक में हैं. हालांकि सरकारी खाते में इसे खर्च बताया गया है.
भूमि अधिग्रहण का काम कर लिया गया है. जल्द कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर काम शुरू किया जायेगा.
-अनमोल सिंह, उपसमाहर्ता

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