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महागठबंधन : रैली से निबट कर सीट बंटवारे में जुटेंगी पार्टियां, चल रही बात
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन के पक्ष में लोकसभा में तय फॉर्मूले पर आगे बढ़ने को कहा रांची : राज्य में महागठबंधन का स्वरूप जल्द ही सामने आ जायेगा़ महागठबंधन के दल रैली और सांगठनिक कार्यक्रम अक्तूबर के अंत तक निपटा लेंगे़ 19 अक्तूबर को झामुमो की बदलाव रैली थी. इधर 23 अक्तूबर तक कांग्रेस […]
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन के पक्ष में लोकसभा में तय फॉर्मूले पर आगे बढ़ने को कहा
रांची : राज्य में महागठबंधन का स्वरूप जल्द ही सामने आ जायेगा़ महागठबंधन के दल रैली और सांगठनिक कार्यक्रम अक्तूबर के अंत तक निपटा लेंगे़
19 अक्तूबर को झामुमो की बदलाव रैली थी. इधर 23 अक्तूबर तक कांग्रेस की जनाक्रोश रैली है़ दोनों ही दल रैली तक महागठबंधन और सीट बंटवारे के मुद्दे से बचना चाहते थे़ झामुमो और कांग्रेस का मानना था कि सीट बंटवारे के कारण रैली में असर पड़ता़ टिकट के दावेेदार इन रैलियों को सफल बनाने में फिलहाल जुटे है़ं
यूपीए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस-झामुमो के बीच अंदरखाने गठबंधन को लेकर बात चल रही है़ दोनों दलों में करीब आधा दर्जन सीटों पर विवाद है़ इन सीटों का पेच ही कांग्रेस और झामुमो सुलझाना है़ इधर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन के पक्ष में है़ कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान तय फॉर्मूले पर ही गठबंधन आगे बढ़े़ इसमें सीटिंग और दूसरे स्थान पर रही सीट संबंधित पार्टी के खाते में जायेगी.
झाविमो उलझन में, नेतृत्व पर उठा रहा सवाल
महागठबंधन मेें हेमंत सोरेन के नेतृत्व को लेकर झाविमो सवाल उठा रहा है़ झाविमो फिलहाल महागठबंधन में नेतृत्व को प्रोजेक्ट करने के पक्ष में नहीं है़ वहीं दूसरी ओर झामुमो भी चाहता है कि झाविमो को महागठबंधन से दूर रखा जाये़ झामुमो राजद और वामदलों को गठबंधन में शामिल करने के पक्ष में है़
इन सीटों पर कांग्रेस-झामुमो में फंसा है कांटा
घाटशिला, गुमला, सिसई, राजमहल, विश्रामपुर, हटिया और रांची
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