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सीएम ने पीएमओ से की बात, फरक्का डैम से गंगा का पानी छोड़ने का अनुरोध

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा समेत अन्य नदियों के जल स्तर में हुई वृद्धि पर चिंता जताते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा से फोन पर बात की. मुख्यमंत्री ने फरक्का बराज से गंगा नदी के पानी के बहाव को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया, जिससे कि बिहार में बाढ़ […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा समेत अन्य नदियों के जल स्तर में हुई वृद्धि पर चिंता जताते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा से फोन पर बात की. मुख्यमंत्री ने फरक्का बराज से गंगा नदी के पानी के बहाव को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया, जिससे कि बिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हो पाये.

मुख्यमंत्री ने शनिवार को ही नदियों के जल स्तर में बढ़ाेतरी से उत्पन्न स्थिति को लेकर आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा की.
बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि फरक्का बराज से गंगा नदी के पानी का समुचित बहाव नहीं होने से राज्य में गंगा नदी के तटवर्ती 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है. राज्य सरकार ने 19 सितंबर को फरक्का बराज से समुचित पानी छोड़ने का केंद्रीय जल आयोग और जल शक्ति मंत्रालय से अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री ने 20 सितंबर को गंगा, गंडक और बुढ़ी गंडक के बढ़े जल स्तर का हवाइ सर्वेक्षण किया था.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की एक उच्चस्तरीय टीम फरक्का बराज के लिए तैनात कर दी गयी है. फरक्का बराज में जल स्तर दो दिन पूर्व 19 सितंबर को 22.64 मीटर था. यह शनिवार को बढ़कर 23.20 मीटर हो गया है. यह इस बात को साबित करता है कि फरक्का बराज से गंगा नदी के पानी का बहाव नहीं हो रहा है. इससे सीमावर्ती दर्जन भर जिले में गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है.
इंजीनियर रखेंगे फरक्का बराज पर नजर
राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर फरक्का बराज के पास तैनात किये गये इंजीनियर वहां रहकर जल स्तर की मॉनीटरिंग करेंगे. उन्हें यह देखना है कि बराज में बिहार की तरफ से कितना पानी आ रहा है और कितना पानी छोड़ा जा रहा है.
बराज के कितने गेट खुले हैं या खुल रहे हैं. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि बिहार में बाढ़ के पानी का दबाव तभी कम होगा,जब फरक्का बराज के सभी 109 गेट खोल दिये जायेंगे. इस समय केवल 50% गेट ही खोले जा रहे हैं.
फरक्का बराज से गंगा नदी के पानी का समुचित बहाव नहीं होने से राज्य के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति हो सकती है गंभीर
इससे पहले फरक्का बराज से समुचित पानी छोड़ने के लिए केंद्रीय जल आयोग और जल शक्ति मंत्रालय से अनुरोध कर चुकी है राज्य सरकार
पटना-दानापुर से साहिबगंज तक गंगा में उफान, भागलपुर शहर में घुसा पानी
पटना. राज्य में गंगा नदी में पटना-दानापुर से साहिबगंज तक उफान है. दानापुर और पटना के सभी घाटों पर गंगा नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है. भागलपुर शहर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. रविवार को गंगा के जल स्तर में 10 से 29 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी की आशंका है. शनिवार को गंगा सहित सोन, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी और परमान नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं.
नदियों के पानी में बढ़ोतरी से सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मुंगेर, खगड़िया व भागलपुर की चार दर्जन पंचायतों में बाढ़ आ गयी है. हालांकि, गंडक, बागमती, महानंदा, परमान सहित कोसी नदी के पानी में कुछ जगहों पर रविवार को कमी होने की संभावना है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जल स्तर शनिवार सुबह छह बजे बक्सर में खतरे के निशान से 52 सेंमी ऊपर था. वहीं दीघा घाट में यह खतरे के निशान से 38 सेमी, गांधीघाट में 112 सेमी, हाथीदह में 83 सेमी और कहलगांव में 55 सेमी और साहेबगंज में खतरे के निशान से 67 सेंमी ऊपर था.
वहीं, मुंगेर में खतरे के निशान से 12 सेमी और भागलपुर में खतरे के निशान से दो सेमी नीचे था. इसके जल स्तर में शनिवार को बक्सर में 10 सेंमी, दीघाघाट में पांच सेमी, गांधीघाट में तीन सेमी, हाथीदह में सात सेमी, मुंगेर में 19 सेमी, भागलपुर में 29 सेमी, कहलगांव में 26 सेमी और साहेबगंज में 21 सेंमी बढ़ोतरी की संभावना है.
भागलपुर के इंजीनियरिंग काॅलेज, आदमपुर इलाके में पानी घुसा
भागलपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज का हॉस्टल नंबर तीन, टीएमबीयू के छात्रावास सहित आदमपुर स्थित सीएमएस स्कूल मैदान में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
मधेपुरा के आलमनगर प्रखंड की आठ पंचायतों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. खगड़िया जिले में गोगरी से इटहरी पंचायत के भुड़िया दियारा, कटघरा दियारा, आश्रम दियारा सहित दर्जनों गांव जाने वाली एकमात्र सड़क गंगा में आयी बाढ़ की तेज धार में शनिवार की सुबह में बह गयी.
नवगछिया प्रतिनिधि के अनुसार इस्माइलपुर प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया है. कलबलिया धार के पास तेतरी जाहन्वी चौक 14 नंबर सड़क पर भी पानी का दबाव बढ़ गया है. पथ निर्माण विभाग के द्वारा तत्काल बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है.
गोपालपुर प्रखंड के ब्रह्मोत्तर बांध एवं सुकटिया बाजार जाने वाली सड़क से बाढ़ के पानी का रिसाव शुरू होने से गोपालपुर प्रखंड मुख्यालय सहित प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नवगछिया प्रखंड के आधा दर्जन गांव अब तक बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. वहीं, कोसी नदी से नारायणपुर, बिहपुर खरीक और रंगरा प्रखंड प्रभावित हैं. लखीसराय जिले की बड़हिया नगर पंचायत में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

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