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पटना : 25 को विधायकों और जिला अध्यक्षों की बुलायी बैठक, तेजस्वी ने संभाली पार्टी की कमान
पटना : पार्टी के बिखराव की आशंका और पिता लालू प्रसाद के दवाब के बाद तेजस्वी यादव ने दल की कमान संभाल ली है. अचानक मंगलवार की रात पटना पहुंचे तेजस्वी की राजनीतिक सक्रियता शुरू हो गयी है. बुधवार की देर रात तक पटना जंक्शन पर दूधवालों के समर्थन में धरना के बाद तेजस्वी ने […]
पटना : पार्टी के बिखराव की आशंका और पिता लालू प्रसाद के दवाब के बाद तेजस्वी यादव ने दल की कमान संभाल ली है. अचानक मंगलवार की रात पटना पहुंचे तेजस्वी की राजनीतिक सक्रियता शुरू हो गयी है.
बुधवार की देर रात तक पटना जंक्शन पर दूधवालों के समर्थन में धरना के बाद तेजस्वी ने रविवार को सभी विधायकों और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलायी है. तेजस्वी ने पार्टी के चल रहे सदस्यता अभियान को भी अपने एजेंडे में रखा है. माना जा रहा है कि पार्टी नेताओं की बैठक में वह सदस्यता अभियान के लक्ष्य की समीक्षा करेंगे.
तेजस्वी के इस कदम से यह साफ हो गया है कि दल के भीतर उनकी सर्वमान्य नेता की हैसियत पर कोई सवाल नहीं है. प्रदेश में अगले साल राज्य विधानसभा का चुनाव होना है. राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में मिली करार हार से उबरने के लिए तेजस्वी पूरे राज्य का दौरा करेंगे.
इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में हौसला अफजायी भी होता और मूल जनाधार माय की गोलबंदी भी होती. पर, भाजपा के आक्रामक तेवर और जदयू की बढ़ रही सामाजिक सक्रियता के बीच तेजस्वी का अचानक ओझल हो जाने से कार्यकर्ता से लेकर विधायकों में एक शून्यता आ गयी थी.
तेजस्वी के साथ यह संतोष की बात है कि पार्टी में लालू प्रसाद के भरोसेमंद साथी जगदानंद सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, जयप्रकाश नारायण यादव सरीखे नेता उसके पीछे अभिभावक के तौर पर खड़े हैं. जगदानंद सिंह ने कहा कि राजद का सदस्यता अभियान दूसरे दलों की तुलना में शानदार चल रहा है. इस बार पचास लाख से अधिक राजद के सदस्य होंगे.
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