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पटना : आज से बाढ़पीड़ितों के खातों में भेजी जायेगी छह हजार की सहायता राशि

आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों से तैयार करायी सूची पटना : राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार से बाढ़पीड़ित परिवारों के खातों में छह-छह हजार सहायता राशि भेजी जायेगी. आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों से तैयार करायी गयी पीड़ित पंचायतों आैर वहां रह रहे परिवारों की सूची तैयार कर ली है. इस सूची के आधार […]

आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों से तैयार करायी सूची
पटना : राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार से बाढ़पीड़ित परिवारों के खातों में छह-छह हजार सहायता राशि भेजी जायेगी. आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों से तैयार करायी गयी पीड़ित पंचायतों आैर वहां रह रहे परिवारों की सूची तैयार कर ली है. इस सूची के आधार पर पीड़ित परिवारों के खातों
में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व पब्लिक फाइनाइंस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से छह-छह हजार रुपये भेजे जायेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानमंडल में इसकी घोषणा की थी.
आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को बताया कि विभाग शुक्रवार से आपदा पीड़ितों के खाते में सहायता राशि के छह हजार रुपये भेजने का प्रबंध कर लिया है. प्रधान सचिव ने बताया कि पहली बार बाढ़ राहत की सहायता राशि राज्य स्तर से लाभार्थियों के बैंक खाते में जायेगा. विभाग के मुताबिक जिलों से प्रभावित परिवारों के नाम, उनका खाता संख्या और मोबाइल नंबर पहले ही एकत्र कर लिया जायेगा. आपदा को मिली सूची को जिलों में आपदा के पोर्टल पर अपलोड कर दिया जायेगा.
वहीं, पैसा देने के पूर्व लाभार्थियों के बैंक एकाउंट की जांच पीएफएमएस प्रणाली से होगी और खाता जांच के बाद राज्य स्तर से ही सीधे उनके बैंक खाते में राशि भेजा जायेगा. इसकी शुरुआत उन जिलों से शुरू हो जायेगी, जहां से रिपोर्ट मिल गयी है. प्रधान सचिव ने बताया कि सहायता राशि मुहैया कराने के बाद पीड़ित परिवार के मुखिया के मोबाइल नंबर पर मैसेज भी भेजा जायेगा. राज्य में पचीस लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने बताया कि पहले दो से तीन महीना सहायता राशि के भुगतान में बीत जाता था. बिचौलिये भी हावी होते थे, और बैंकों में पैसा बिना बाटे ही रह जाता था. राज्य सरकार ने पहली बार ऐसी व्यवस्था की है, जिसमें न बैंकों की भूमिका होगी और ना ही बिचौलिये कुछ कर पायेंगे.
बागमती, कमला, खिरोई सहित कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
राज्य में नदियों के जलस्तर में धीरे-धीरे कमी हो रही है, हालांकि अभी कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बीरपुर बराज से गुरुवार दोपहर दो बजे तक कोसी नदी में एक लाख 12 हजार 525 क्यूसेक और बाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 44 हजार 200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जल संसाधन विभाग पदाधिकारी सभी तटबंधों पर लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं.
साथ ही तटबंधों की मजबूती का काम करवा रहे हैं. राज्य में गंगा नदी का जलस्तर मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में बढ़ोतरी हुई है. वहीं बक्सर, दीघा, गांधीघाट और हाथीदह में कमी आयी है. बागमती नदी ढेंग, सोनाखान और हायाघाट में बढ़ोतरी हुई है. वहीं डूब्बाधार, चंदौली और कटौंझा में कमी आयी है. कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन इसमें कमी हुई है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शिविरों में रहनेवाले को मिलेगा खाद्यान्न
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी से बचने के लिए ऊंचे स्थानों में बने शिविरों में रहनेवाले लोगों को खाद्यान्न मिलेगा. प्रभावित क्षेत्रों में पीडीएफ दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है. जहां पानी अधिक नहीं है.
उन गांवों में राशन दुकानदार द्वारा लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. जहां काफी मात्रा में पानी है. लोग अपने घरों को छोड़ कर ऊंचे स्स्थानों पर उेरा डाले हुए हैं. ऐसे जगहों को चिहिंत कर वहां खाद्यान्न वितरण होगा. खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी डीएम को खाद्यान्न की आपूर्ति कराने के संबंध में कहा है. विभागीय सूत्र ने बताया कि 12 जिले बाढ़ प्रभावित हैं.

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