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मैट्रिक परीक्षा कॉपियां गायब मामले में प्रिंसिपल BSEB के समक्ष हुए पेश, किये गये गिरफ्तार

पटना : गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस टू स्कूल के स्ट्रांग रूम से बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा की कॉपियां गायब होने के मामले में मंगलवार को एसएस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव BSEB के समक्ष पेश हुए. जहां, बीएसईबी के पदाधिकारियों उनसे करीब दो घंटे पूछताछ की. पूछताछ में संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर […]

पटना : गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस टू स्कूल के स्ट्रांग रूम से बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा की कॉपियां गायब होने के मामले में मंगलवार को एसएस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव BSEB के समक्ष पेश हुए. जहां, बीएसईबी के पदाधिकारियों उनसे करीब दो घंटे पूछताछ की. पूछताछ में संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर पटना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. कॉपियां गायब होने के बाद बोर्ड और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. बोर्ड ने कॉलेज के प्रिंसिपल से पूछताछ के लिए कार्यालय में बुलाया गया था, जिसके बाद मंगलवार को प्रिंसिपल बीएसईबी कार्यालय पहुंच कर अपनी बात रखी. इससे पहले यहां पहुंचने के बाद वे मीडिया से बचते रहे.. उधर, कॉपी गायब मामले को लेकर बोर्ड के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. बिहार बोर्ड दसवीं का रिजल्ट बुधवार को जारी करनेवाला है.
गौरतलब हो कि गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस टू स्कूल के स्ट्रांग रूम की सील टूटी नहीं, लेकिन उसमें रखी मैट्रिक परीक्षा 2018 की मूल्यांकित 42400 कॉपियां गायब हैं. गत शनिवार को 12 कॉपियों के गायब होने की जानकारी पर जब जांच शुरू हुई, तो यह खुलासा हुआ. प्राचार्य ने नवादा जिले से जांच के लिए आयी इन 42400 कॉपियों के गायब होने की प्राथमिकी दर्ज करा दी है. सबसे अधिक कॉपियां विज्ञान की हैं. मैट्रिक के रिजल्ट से ऐन पहले चोरी के इस खुलासे से परीक्षा विभाग में खलबली मची है.
बिहार बोर्ड के निर्देश के अनुरूप मूल्यांकन के बाद स्ट्रांग रूम में कॉपियों को सुरक्षित रखा जाता है, ताकि अगर कोई छात्र अपने रिजल्ट पर सवाल खड़ा करे, तो उसकी कॉपियों की स्क्रूटनी (दोबारा जांच) बोर्ड करा सके. यहां भी पिछले तीन साल की कॉपियों को स्ट्रांग रूम में रखा गया है. जानकार बताते हैं कि कॉपियों के गायब होने के पीछे मूल्यांकन में धांधली की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.

ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
एसएस बालिका प्लस टू स्कूल से जांच के बाद मूल्यांकन रिपोर्ट बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को सौंपी गयी थी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने टेबलेटिंग के दौरान टॉपरों की कॉपियों की मांग की थी. जब कॉपियों को बिहार बोर्ड भेजा गया, तो सामाजिक विज्ञान की दो, हिंदी की दो, संस्कृत की दो, गणित की दो, विज्ञान की दो, अंगरेजी की दो समेत कुल 12 कॉपियों के गायब होने की जानकारी बोर्ड से स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को फोन पर दी गयी. फिर आनन-फानन में प्राचार्य ने मूल्यांकन केंद्र को खुलवा कर जांच शुरू की. स्कूल प्रबंधन मिनी ट्रक से कॉपियों के गायब किये जाने की आशंका जता रहा है. लगभग 42 हजार कॉपियां बिना दरवाजा खोले कैसे गायब हो गयीं, यह जांच का विषय है.

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