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लोकसभा चुनाव 2019 : हारी हुई आठ सीटों में से इस बार सिर्फ एक पर लड़ेगी भाजपा
इस बार की 17वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, जो 16वीं या पिछली लोकसभा चुनाव से पांच कम हैं. पिछली बार भाजपा और उसके दो सहयोगी दल रालोसपा और लोजपा ने मिलकर 32 सीटें जीती थी. इस बार भी तीन सहयोगी दल भाजपा के साथ हैं. अंतर है […]
इस बार की 17वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, जो 16वीं या पिछली लोकसभा चुनाव से पांच कम हैं. पिछली बार भाजपा और उसके दो सहयोगी दल रालोसपा और लोजपा ने मिलकर 32 सीटें जीती थी. इस बार भी तीन सहयोगी दल भाजपा के साथ हैं.
अंतर है रालोसपा के स्थान पर जदयू है. पिछले चुनाव में जिन आठ सीटों पर भाजपा हारी थी, उसमें सिर्फ एक सीट अररिया ऐसी है, जिस पर इस बार भाजपा चुनाव लड़ रही है. उसकी हारी हुई अन्य सभी सात सीटें जदयू के खाते में जा रही हैं. भाजपा अपनी जीती हुई पांच सीटें गया, गोपालगंज, वाल्मीकिनगर, झंझारपुर और सीवान सहयोगी दल को देने जा रहा है. इस तरह भाजपा के पास 17 सीटों में 14 सीटें ऐसी हैं, जिन्हें वे पहले से ही जीती हुई हैं और उनके मौजूदा सांसद के ही चुनाव लड़ने की संभावना पूरी है.
सीटिंग सांसदों का टिकट कटने की संभावना काफी कम है. इस तरह अगर भाजपा की इस बार की सभी 17 सीटों का समीकरण देखें, तो वे अररिया को छोड़कर अपनी सभी जीती हुई सीटों पर ही फिर से चुनाव लड़ने जा रही है.
भाजपा को 17 लोकसभा सीटों में महज तीन सीटों पर ही नये उम्मीदवार खोजने की जरूरत पड़ेगी. अररिया, पटना साहिब और दरभंगा में नये उम्मीदवार खोजने होंगे. पटना साहिब के मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और दरभंगा के कृति झा आजाद भाजपा से रिश्ता तोड़ चुके हैं.
जबकि अररिया सीट राजद के खाते में है. ऐसे में इन तीन सीटों पर जीताऊ उम्मीदवार की तलाश तेजी से चल रही है. पटना साहिब से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के चुनाव लड़ने की अटकलें सबसे ज्यादा चल रही हैं. पटना साहिब और दरभंगा भाजपा की जीती हुई सीटें हैं.
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