तेजी से बढ़ती जनसंख्या और प्रदूषण के इस नाजुक दौर में नदी, नालों, नहरों और सड़कों के निर्माण के साथ ही पौधरोपण की सख्त जरूरत है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने डीडीए के अधिकारियों के साथ बैठक में द्वारका में नालों के साथ ग्रीन कॉरिडोर बनाने के साथ ही अन्य नागरिक सुविधाएं भी विकसित करने को कहा है.
यह एक अच्छी मिसाल होगी, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाये. इसी के साथ उन्होंने इन नालों के साथ ग्रीन कॉरिडोर, वाक -वे और साइकिल ट्रैक सहित अन्य सुविधाओं में कृत्रिम झील, हरित पार्क, चिल्ड्रन पार्क, झील, स्ट्रीट में रोशनी आदि की भी उचित व्यवस्था करने पर बल दिया है.
यदि ऐसा हर जगह देश के अन्य शहरों और महानगरों में भी हो जाये, तो इससे हादसों और प्रदूषण की कई समस्याएं स्वतः हल हो सकती है. दुख की बात है कि देशभर में जहां-तहां हरे-भरे जंगलों को काट दिया जा रहा है. यह बहुत ही चिंताजनक बात है. दिल्ली जैसी पहलों को देश के सभी राज्यों को अपने-अपने स्तर पर लागू करना चाहिए.
वेद प्रकाश, नरेला