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अप्रैल में शुरू होगा पीकू, पटना एम्स के डॉक्टर करेंगे इलाज

मुजफ्फरपुर : एइएस या चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. एसकेएमसीएच में बन रहे सौ बेड के पीआइसीयू को इस बार पटना एम्स के डॉक्टरों की टीम संभालेगी. इसके लिए पटना एम्स से करार हो गया है. पीआइसीयू 30 अप्रैल तक चालू […]

मुजफ्फरपुर : एइएस या चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. एसकेएमसीएच में बन रहे सौ बेड के पीआइसीयू को इस बार पटना एम्स के डॉक्टरों की टीम संभालेगी. इसके लिए पटना एम्स से करार हो गया है. पीआइसीयू 30 अप्रैल तक चालू हो जायेगा. इस पीआइसीयू में जो डॉक्टर रहेंगे, उन्हें भी पटना एम्स के विशेषज्ञ ट्रेनिंग देंगे. ये

बातें शनिवार को वह एइएस को लेकर आयाेजित कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कही. 11 जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधान सचिव ने कहा कि निमहांस की हाई लेवल की एलवन लैब एसकेएमसीएच में स्थापित की जायेगी. लैब के वैज्ञानिक यह पता लगायेंगे कि एइएस किस वजह से हो रहा है.

इसके लिए निमहांस से करार हो गया है. एइएस से निबटने में इस बार आइसीएमआर की टीम भी काम करेगी. उन्होंने बताया कि 24 डॉक्टरों की टीम को ट्रेनिंग के लिए फिर से दिल्ली एम्स भेजा जायेगा. इसके साथ ही कई जांच एजेंसी एइएस पर काम करेगी.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने 11 जिलों के अधिकारियों के साथ की बैठक
एइएस वार्ड में तैनात डॉक्टरों को पटना एम्स के विशेषज्ञ देंगे ट्रेनिंग
एइएस से निबटने में आइसीएमआर की टीम भी इस बार काम करेगी
पटना एम्स से करार, 30 अप्रैल से एसकेएमसीएच आयेंगे विशेषज्ञ
एइएस पीड़ित बच्चों में एससी के 66‍% व ओबीसी के 33 %
एइएस से जो बच्चे पीड़ित हुए हैं, उनमें 66 प्रतिशत एससी और 33 प्रतिशत ओबीसी व एक प्रतिशत जनरल हैं. इसका कारण कुपोषण बताया गया है. निमहांस के वैज्ञानिक इस पर भी काम करेंगे. हर सीएचसी व बाकी एइएस पीड़ित बच्चों पीएसची में अप्रैल से ही डॉक्टर व पारामेडिकल स्टॉफ तैनात कर दिया जायेगा.
इंडियन काउंसिलिंग ऑफ मेडिकल रिसर्च के डॉ प्रदीप दास ने कहा कि उन बच्चों को भी एइएस हुई, जिन्होंने लीची नहीं खायी थी. इसमें देखा गया है कि वे बच्चे अधिक बीमार हो रहे हैं, जो कुपोषण के शिकार हैं.
15 दिनों में होगी 100 डॉक्टर की तैनाती
प्रधान सचिव ने बताया कि 800 जूनियर रेजिडेंट की बहाली हुई है. एसकेएमसीएच को 100 जूनियर रेजिडेंट पंद्रह दिनों में मिल जायेंगे. वही पोस्टमार्टम हाउस के बगल में पावरग्रिड की मदद से धर्मशाला का निर्माण होगा. एसकेएमसीएच में दवा का एलॉटमेंट 9 करोड़ का है, उसे भी बढ़ाया जायेगा. फिलहाल ओपीडी में 75 और इंडोर वार्ड में 147 प्रकार की दवा सप्लाई हो रही है.

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