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मुंगेर : बेटे की हत्या की सजा काट रही लीला फिर बनेगी मां, जुड़वा संतान को देगी जन्म

मुंगेर : मनुष्य चाहे कितनी भी चतुराई कर ले, किंतु कुदरत के करिश्मे के आगे किसी का वश नहीं चलता. जिंदगी में आनेवाली मुश्किलों से हार मान कर ईश्वर के दिये इस मानव तन का त्याग कर देने मात्र से कोई छुटकारा नहीं पा सकता. क्योंकि, ईश्वर की इच्छा के आगे किसी का नहीं चलता […]

मुंगेर : मनुष्य चाहे कितनी भी चतुराई कर ले, किंतु कुदरत के करिश्मे के आगे किसी का वश नहीं चलता. जिंदगी में आनेवाली मुश्किलों से हार मान कर ईश्वर के दिये इस मानव तन का त्याग कर देने मात्र से कोई छुटकारा नहीं पा सकता. क्योंकि, ईश्वर की इच्छा के आगे किसी का नहीं चलता है. मुंगेर में हुई एक घटना ने कुदरत के करिश्मा का प्रमाण दिया है. अपने ही पति से प्रताड़ित एक महिला ने अपने जिंदगी से तंग आकर एक दिन अपने छोटे से मासूम बच्चे को गोद में लेकर आत्महत्या की नीयत से गंगा में छलांग लगा दी थी. जिसके बाद गंगा तट पर मौजूद लोगों ने महिला को तो जीवित गंगा से बाहर निकाल लिया. किंतु, उसके बच्चे की गंगा में डूब जाने से मौत हो गयी थी. इसके बाद उसके ही पति द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने पर पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. किंतु अब एक बार फिर से यह महिला कैदी मां बनने जा रही है. जिसे प्रसव के लिए पुलिस अभिरक्षा में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पति से प्रताड़ित होकर गंगा में लगायी थी छलांग

महिला कैदी लीलावती देवी ने बताया कि उसका पति नशा करता था और हमेशा उसे प्रताड़ित करते रहता था. इससे परेशान होकर उसने पिछले साल नवंबर माह में अपने 4 साल के पुत्र नवीन कुमार को गोद में लेकर गंगा में छलांग लगा दी थी. किंतु गंगा किनारे मौजूद लोगों ने उसे गंगा से जीवित बाहर निकाल दिया और बच्चे की गंगा में डूबने से मौत हो गयी. जिसे लेकर उसके पति हीरालाल दास ने उसके विरुद्ध थाने में पुत्र के हत्या का मामला दर्ज करा कर उसे गिरफ्तार करा दिया. पिछले नवंबर महीने से वह मुंगेर मंडल कारा में बंद है.

कैदी को प्रसव के लिए अस्पताल में कराया गया भर्ती

हेमजापुर निवासी हीरालाल दास की पत्नी लीलावती देवी अपने ही पुत्र के हत्या तथा खुद की आत्महत्या के प्रयास के आरोप में पिछले लगभग तीन महीने से जेल में बंद है तथा वह नौ महीने के गर्भ से है. रविवार को महिला को प्रसव पीड़ा आरंभ हुई, जिसके बाद पुलिस अभिरक्षा में उसे प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सक ने जांच के दौरान उसके ब्लड में हीमोग्लोबिन सिर्फ 6 ग्राम ही पाया. चिकित्सक ने उसे महिला सर्जिकल वार्ड में भर्ती करते हुए ब्लड चढ़ाने का निर्देश दिया. बताया गया कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के अनुसार महिला के गर्भ में जुड़वां बच्चा है.

जुड़वां बच्चे को देगी जन्म

जिस माता ने अपने ही पुत्र को गंगा में डुबो कर हत्या कर दी. वही एक बार फिर से मां बनने जा रही है. इसे कुदरत का करिश्मा नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे. कई लोगों ने लीलावती की घटना सुन कर इतना तक कह दिया कि परिस्थिति ने उसे कुमाता बनने पर मजबूर भले ही कर दिया, किंतु ईश्वर उन्हें एक के बदले में दो-दो संतान फिर से वापस लौटा रहे हैं. यह महज एक इत्तेफाक नहीं, बल्कि कुदरत का करिश्मा ही है. हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसका पति उससे मिल ने तक नहीं पहुंचा है. ताकि] प्रसव के दौरान लीलावती को हिम्मत दी जा सके.

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