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जांच के बाद फरकिया अस्पताल किया सील

खगड़िया : सदर अस्पताल के आसपास कुकुरमुत्ते की तरह खोले गये नर्सिंग होम में न डॉक्टर हैं और न ही प्रशिक्षित नर्स. मंगलवार को अवैध रूप से चलाये जा रहे नर्सिंग होम को सील कर दिया गया. नर्सिंग होम सील किये जाने के बाद संचालक फरार हो गया. सदर एसडीओ ने प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी […]

खगड़िया : सदर अस्पताल के आसपास कुकुरमुत्ते की तरह खोले गये नर्सिंग होम में न डॉक्टर हैं और न ही प्रशिक्षित नर्स. मंगलवार को अवैध रूप से चलाये जा रहे नर्सिंग होम को सील कर दिया गया. नर्सिंग होम सील किये जाने के बाद संचालक फरार हो गया. सदर एसडीओ ने प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी नौशाद आलम को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया.

मालूम हो कि सदर अस्पताल के आसपास अवैध रूप से चलाये जा रहे आधे दर्जन से अधिक नर्सिंग होम में अस्पताल से मरीज को बहला फुसला कर इलाज कराया जाता है. अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम में कमीशन पर मरीजों को भरती कराया जाता है. लगातार मिल रही शिकायत के बाद डीएम ने मंगलवार को जांच करने का आदेश दिया. जिलाधिकारी के निर्देश के बाद एसडीओ मनेश कुमार मीणा के नेतृत्व में दंडाधिकारी सह सीओ नौशाद आलम की उपस्थिति में तीन सदस्य चिकित्सकों की कमेटी ने नर्सिंग होम की जांच की. सदर अस्पताल चौक पर चल रहे फरकिया अस्पताल की जांच की तीन सदस्य कमेटी ने की.

जांच के दौरान फरकिया अस्पताल में एक प्रसव पीड़िता कराह रही थी. जांच कमेटी ने उक्त पीड़िता की जब वीडियोग्राफी करानी शुरू की तो अस्पताल के कर्मियों ने उसे भगा दिया. इसके बाद दंडाधिकारी नौशाद आलम ने उक्त अस्पताल को सील कर दिया. इस दौरान उक्त अस्पताल के बोर्ड पर लिखे डॉ इंदु कुमारी तथा डाॅ रंजीत कुमार से जानकारी लेने की कोशिश की गयी, लेकिन चिकित्सक ने मोबाइल को स्विच ऑफ कर लिया. अस्पताल के सभी कर्मी फरार हो गये. फरकिया अस्पताल को सील करने के बाद उमेश साह के मकान में चल रहे एक अस्पताल की भी जांच की गयी. जहां एक भी चिकित्सक व कर्मी नहीं मिले, इसके बाद अस्पताल में रखे मेडिकल उपकरण को सील कर दिया गया.

जांच होगी या खानापूर्ति: शहर में अवैध रूप से चलाये जा रहे नर्सिंग होम पर स्वाथ्य विभाग का नियंत्रण नहीं है. यहीं कारण है कि वर्षों से शहर के गलीकुची, दवा दुकान आदि में नर्सिंग होम खुल गये हैं. किसी प्रकार के मानकों से परे नर्सिंग होम आराम से चलाये जा रहे हैं. ऐसे नर्सिंग होम के विरुद्ध कई बार छापेमारी की भी गयी, लेकिन परिणाम सिफर रहा.
जांच में कौन कौन थे शामिल: डीएम के आदेश के बाद नर्सिंग होम की जांच के लिए बनाये गये तीन सदस्यीय कमेटी में डाॅ केएम प्रसाद, डाॅ वाईएस प्रयासी, डाॅ रंजन कुमार शामिल थे. अब तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपी जायेगी.
कार्रवाई से नर्सिंग होम संचालकों में मचा हड़कंप
अवैध रूप से चलाये जा रहे नर्सिंग होम संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. जिलाधिकारी के निर्देश पर चलाये गये औचक जांच के बाद कई नर्सिंग होम को बंद कर संचालक फरार हो गये. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा अगले एक सप्ताह तक नर्सिंग होम की जांच करने का आदेश सिविल सर्जन को दिया गया है.

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