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बाल विवाह में शामिल हुए तो खायेंगे जेल की हवा

शादी कराने वाले पंडित जी भी जायेंगे जेल, लड़का और लड़की के साथ अभिभावक भी होंगे गिरफ्तार बाल विवाह और दहेज से जुड़ी शिकायत एसडीओ, बीडीओ या थाना में करने की अपील, होगी कार्रवाई खगड़िया : शादी के दावत में जा रहे हैं तो आपके लिये यह खबर महत्वपूर्ण है. बिहार सरकार द्वारा दहेज व […]

शादी कराने वाले पंडित जी भी जायेंगे जेल, लड़का और लड़की के साथ अभिभावक भी होंगे गिरफ्तार

बाल विवाह और दहेज से जुड़ी शिकायत एसडीओ, बीडीओ या थाना में करने की अपील, होगी कार्रवाई
खगड़िया : शादी के दावत में जा रहे हैं तो आपके लिये यह खबर महत्वपूर्ण है. बिहार सरकार द्वारा दहेज व बाल विवाह रोकने के नये कानून के लाने के बाद शादी-ब्याह में जाने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है. मसलन, कहीं आप बाल विवाह की दावत में तो नहीं जा रहे हैं, शादी में दहेज का लेन-देन भी हुआ है… ऐसी कई बातों पर जरूर ध्यान दें वरना आप जेल की हवा भी खा सकते हैं. पंडित जी भी इस खबर पर ध्यान दें. बाल विवाह करवाये तो जेल की सलाखों के अंदर भी जाना पड़ सकता है.
इधर, राज्य सरकार द्वारा बाल विवाह पर लगाम लगाने की जो नीति बनाई गई है उसका असर दिखने लगा है. अब शादी कराने वाले पुरोहित भी वर-वधू के उम्र के सत्यापन को ले कर आधार कार्ड की मांग करने लगे हैं. पुरोहित जितेन्द्र झा कहते हैं कि सरकार के इस पुनीत कार्य में सबका योगदान होना चाहिए. कम उम्र में शादी घातक है. कम उम्र में शादी होने से दोनों को अपने दायित्व का बोध नहीं होता. फलत: शादी विफल हो जाती है. पारिवारिक कलह में बेटियों की जिंदगी बर्बाद होने का खतरा बढ़ जाता है.
बाल विवाह से बेटियां हो रही बर्बाद : कम उम्र में विवाह न केवल बीमारियों को निमंत्रण देता है बल्कि इससे बेटियों के जीवन पर कुप्रभाव भी पड़ रहा है. खेलने-कूदने की उम्र में जिम्मेदारियों की बोझ कंधे पर आ जाने से बेटियां कराहने लगती है. कम उम्र में निर्णय लेने की क्षमता का विकास नहीं हो पाता. इससे घरेलू झगड़े, मारपीट, पारिवारिक कलह ओर यौन उत्पीड़न आदि की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है. आंकड़े बताते है कि 12.2 फीसदी लड़कियां बाल-विवाह के कारण 15 वर्ष की उम्र में ही मां बन जाती है. कम उम्र में प्रसव के दौरान माता की मृत्यु की संभावना काफी बढ़ जाती है. जन्म के समय शिशु के मृत अथवा कुपोषित पैदा होने की संभावना बनी रहती है.
दहेज व बाल विवाह मुक्त समाज बनाने में पुलिस को सहयोग के लिये आम लोगों को आगे आना होगा. इसके लिये सामाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. स्कूल कॉलेजों में कार्यशाला का आयोजन करके छात्रों को इस कुप्रथा को रोकने के लिये प्रेरित करना होगा. कहीं बाल विवाह हो रहा है तो इसकी सूचना संबंधित थाना को दें पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी. सभी थानाध्यक्षों सहित पुलिस अधिकारियों को दहेज व बाल विवाह उन्मूलन से जुड़े कानून का सख्ती से अनुपालन का निर्देश दिया गया है. इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
मीनू कुमारी, एसपी.
कौन हैं आखिर बाल विवाह का दोषी
लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित की गई है. वहीं लड़के के शादी की उम्र 21 वर्ष निर्धारित किया गया है. यदि कोई इससे कम उम्र में शादी करता है तो वह कानून की नजर में बाल विवाह का अपराधी है. बाल विवाह के वे सारे लोग दोषी माने जाते हैं जो वैवाहिक समारोह में शामिल होते हैं. माता पिता, अभिभावक, वैवाहिक रिश्ता जय कराने वाले अगुआ या प्रेरित करने वाले नजदीकी रिश्तेदार या फिर विवाह संपन्न कराने वाले पंडित-पुरोहित अथवा धर्मगुरू सारे बाल विवाह के दोषी माने जाते हैं. इसके अलावा अधिनियम में बैंड-बाजा, टेंट शामियाना वाले ,विवाह भवन के मालिक, बाल विवाह में शामिल बाराती सभी दोषी हैं.
बाल विवाह पाबंदी कानून में है सजा का प्रावधान
दोष सिद्ध होने पर बाल विवाह के आरोपित को दो वर्ष का कठोर (सश्रम) कारावास व एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है. अधिनियम की धारा 3(1) ऐसे विवाह को शून्य घोषित करवाने की शक्ति रखता है.
इस कानून के अनुपालन के लिए अपने क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं स्थानीय थाना के पास शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. वही इस संबंध में में किसी तरह की जानकारी के लिए अपने जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक ,मुखिया, सरपंच, पार्षद, महिला हेल्प लाइन ,स्वयं सहायता समूह ,आंगनबाड़ी केंद्र अथवा टॉल फ्री नवंबर 181 पर संपर्क के अलावा सहयोग ले सकते है.
सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला
पिछले 11 अक्तूबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला आने से 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी से शारीरिक संबंध स्थापित करना बलात्कार माना जायेगा. इस फैसले से भारतीय दंड संहिता की बलात्कार संबंधी धारा 375 के अपवाद 2 को पलट दिया गया है. जिसमें 18 के बीच की उम्र की नाबालिग लड़की के साथ पति द्वारा बनाए गए शारीरिक संबंध में छूट थी. लेकिन अब यह छूट समाप्त हो गई है और इसे दुष्कर्म माना जायेगा जो दंडनीय है.

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