भभुआ सदर : बुधवार को मिरिया सोनहन की कमली देवी प्रसव पीड़ा से पीड़ित अपनी बहू को लेकर इलाज के लिये अस्पताल पहुंची. लेकिन, जितनी परेशानी गांव से अस्पताल आने में नहीं हुई उतनी परेशानी अस्पताल के मुख्य द्वार से अंदर जाने में हुई. मुख्य द्वार पर अस्पताल प्रबंधन की कृपा से बने भारी भरकम ब्रेकर पर ई रिक्शा उछलने से वृद्धा कमली के साथ रही उसकी पतोहू को पेट का दर्द और भी बढ़ गया.
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मरीजों की परीक्षा लेते हैं स्पीड ब्रेकर और क्षतिग्रस्त सड़कें
भभुआ सदर : बुधवार को मिरिया सोनहन की कमली देवी प्रसव पीड़ा से पीड़ित अपनी बहू को लेकर इलाज के लिये अस्पताल पहुंची. लेकिन, जितनी परेशानी गांव से अस्पताल आने में नहीं हुई उतनी परेशानी अस्पताल के मुख्य द्वार से अंदर जाने में हुई. मुख्य द्वार पर अस्पताल प्रबंधन की कृपा से बने भारी भरकम […]
इससे उसकी हालत और खराब हो गयी. ऐसी एक कमली देवी की पतोहू ही नहीं. बल्कि, इनके जैसी कई गर्भवती महिलाएं और मरीज है जो घर से तो किसी तरह अस्पताल पहुंच जा रहे है. लेकिन, जैसे ही उन्हें मुख्य द्वार से अंदर जाना पड़ता है उन्हें अंदर डॉक्टर व वार्ड तक पहुंचने में नाकों चने चबाने पड़ जाते है.
दरअसल, जिले के प्रमुख अस्पतालों में से गिने जाने वाले सदर अस्पताल में जल जमाव व टूटी सड़क से मरीज ही परेशान नहीं है. बल्कि, आये दिन सदर अस्पताल की जर्जर हो चुकी सड़क और यहां वहां कीचड़ भरे जलजमाव से इलाज कराने सदर अस्पताल मरीज लेकर आये तीमारदार और अस्पताल के कर्मचारी और अधिकारी भी परेशान रहते है.
वहीं, ऐसे में अगर बारिश हो जाये तो परिसर ही कीचड़युक्त हो जाता है. इधर, सदर अस्पताल में नाली निकासी की कोई सुदृढ़ व्यवस्था नहीं है. इसके लिये पिछले साल कैदी वार्ड के समीप पानी निकासी के लिये अधिकारियों ने जेसीबी से गढ्ढा खुदवाया था. गड्ढा खुदवा अस्पताल के पानी को नगर पर्षद के नाले में ले जाकर गिराना था.
गड्ढा भी खुद गया और नाली का निर्माण भी हो गया. लेकिन, जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के चलते बारिश व अस्पताल में गिरने वाला पानी परिसर में ही लगा रहता है जो ज्यादा होने पर जल जमाव का शक्ल ले ले रहा है. उसी प्रकार जब सदर अस्पताल के नये भवन का उद्घाटन हुआ था तो उसी वक्त यानी लगभग चार साल पहले मुख्य सड़क का निर्माण हुआ था.
लेकिन, जलजमाव और मुख्य द्वार पर बनाये गये भारी ब्रेकर का निर्माण कर दिये जाने के चलते सड़क आज गढ्ढे में तब्दील हो गयी है. जिसके ऊपर मरीज सहित उनके तीमारदार व सदर अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी उसी रास्ते से जैसे तैसे अस्पताल में पहुंचते है. सदर अस्पताल के कुछ कर्मियों का कहना था कि मुख्य द्वार पर बने ब्रेकर और टूटी सड़क के चलते गिरने का डर रहता है.
क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
इस मामले में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि हो रही परेशानी से वह भी अवगत हैं. इस मामले में काफी पहले ही भवन निर्माण को लिखा जा चुका है. फिर से निर्माण विभाग को इस मामले की जानकारी देते हुए जलनिकासी के कार्यों को पूरा कराया जायेगा.
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