जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद व महामंत्री सतीश कुमार सिंह के बीच चल रहा विवाद आखिरकार टाटा स्टील प्रबंधन के हस्तक्षेप के बाद थम गया है. प्रबंधन की ओर से वाइस प्रेसिडेंट स्तर के अधिकारी ने यूनियन के शीर्ष नेतृत्व को तलब कर स्पष्ट रूप से चेताया कि उनके विवाद के कारण कंपनी और यूनियन की वर्षों पुरानी विरासत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इसका असर कंपनी के ब्रांड पर भी पड़ सकता है. कंपनी परिसर में कर्मियों के बीच यूनियन विवाद की चर्चा से कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. प्रबंधन की ओर से तत्काल विवाद भूलकर समाधान निकालने की हिदायत दोनों नेताओं को दी है.
माना जा रहा है कि प्रबंधन की पहल पर दोनों पक्ष में समझाैता हो गया है. 14 जनवरी को महामंत्री बैंक में दाखिल आपत्ति वापस ले लेंगे. अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के समर्थन में चलाया जा रहा कमेटी मेंबरों का हस्ताक्षर अभियान भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. अध्यक्ष खेमे ने करीब 167 कमेटी मेंबरों का हस्ताक्षर कराया था. यूनियन अध्यक्ष के पीए एमएन कुमार को एक्सटेंशन देने के मुद्दे को लेकर अध्यक्ष व महामंत्री आमने-सामने आ गये है. इसमें यूनियन के कर्मचारियों का वेतन रुक गया है.
रिक्विजिशन मीटिंग बुलाने की तैयारी पर ब्रेक
यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के समर्थन में चलाये जा रहे कमेटी मेंबरों के हस्ताक्षर अभियान के बीच एक खेमा रिक्विजशन मीटिंग बुलाने की तैयारी में था. बताया जा रहा है कि इसको लेकर भी दूसरे गुट ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था. इसमें करीब दस से बारह कमेटी मेंबरों ने हस्ताक्षर कर दिया था. समझौते के बाद इस अभियान पर भी ब्रेक लग गया.