गुमला : सिसई विधानसभा सीट के लिए मतदान सात दिसंबर को है. चुनावी सरगर्मी उफान पर है, परंतु विधानसभा क्षेत्र के कई गांव अभी भी चुनावी माहौल से दूर हैं. इसी क्षेत्र में शहीद संतोष गोप का पैतृक गांव टेंगरा भी है. यह बसिया प्रखंड में पड़ता है. 12 अक्तूबर 2019 को भारत-पाक बॉर्डर पर पाकिस्तान द्वारा की गयी गोलीबारी में संतोष गोप शहीद हुए थे.
आज भी टेंगरा गांव शहीद को भूल नहीं पाया है. प्रभात खबर के प्रतिनिधि दुर्जय पासवान ने शहीद के गांव पहुंच कर चुनावी माहौल की जानकारी ली. अभी खेत से धान कटाई व मिसनी का समय है. गांव में ज्यादा लोग नहीं मिले, लेकिन गांव का जो हाल है, उसमें ज्यादा कुछ बदलाव नजर नहीं आया. कुछ लोगों से मुलाकात हुई. गांव के विकास के मुद्दे पर बात भी की. हालांकि चुनावी माहौल से दूर रहने के बावजूद यहां के लोग सात दिसंबर को मतदान करने को आतुर हैं.
गांव के लोग कहते हैं हमारे गांव में कोई नेता वोट मांगने नहीं पहुंचे हैं, फिर भी गांव के लोग वोट देंगे. शहीद का परिवार इस बात से खुश नजर आया कि जब शहीद का पार्थिव शरीर गांव लाया गया, तो राज्य के एक बड़े नेता गांव आये थे. उनकी मदद से मुआवजा राशि मिलने के अलावा परिवार की कुछ समस्याएं दूर हुई है.
शहीद के घर में शौचालय नहीं है. नेताजी की पहल से शौचालय बनाने के लिए ईंट गिरायी गयी है. शहीद के परिवार से मिलने के बाद ग्रामीण से बात की. ग्रामीण कहते हैं: हमरे मन कर गांव कर विकास अभी तक नी हो-हे. इ बार चुनाव में बेस नेता के वोट देवब, ताकि हमर गांव कर विकास होवी.