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#Jharkhand दुमका में डीटीओ का Log-In हैक कर महीने भर में किये 38 फर्जीवाड़े

साइबर सेंधमारी से लगा चूना, हरकत में आया विभाग प्रारंभिक जांच में मिले हैं कई तकनीकी साक्ष्य मजबूत साक्ष्यों को जुटाकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी नामी-गिरामी शख्स के वाहनों के लिए किया गया है ऐसा फ्रॉड विभाग में कार्यरत रहे कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में साइबर सेंधमारी की इस कार्रवाई से परिवहन […]

साइबर सेंधमारी से लगा चूना, हरकत में आया विभाग

प्रारंभिक जांच में मिले हैं कई तकनीकी साक्ष्य

मजबूत साक्ष्यों को जुटाकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी

नामी-गिरामी शख्स के वाहनों के लिए किया गया है ऐसा फ्रॉड

विभाग में कार्यरत रहे कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में

साइबर सेंधमारी की इस कार्रवाई से परिवहन विभाग को लगाया गया भारी चूना

संवाददाता @ दुमका

अब सरकारी विभाग भी साइबर सेंधमारी के शिकार होने लगे हैं. ताजा मामला दुमका के परिवहन विभाग का आया है. साइबर सेंधमारी कर इस विभाग के विभागीय एप्लीकेशन ‘वाहन’, जो कि एनआइसी के सर्वर पर है, उसके जरिये गलत और फर्जी कार्रवाई की गयी है. इसकी पुष्टि तो हो चुकी है, लेकिन यह खेल कितने लंबे अरसे से चल रहा था और इसके पीछे कौन से लोग तथा किस तरह का गिरोह लगा हुआ है, इसका पता तो विस्तृत जांच के बाद ही हो पायेगा.

दुमका के जिला परिवहन पदाधिकारी के लॉगइन को हैक कर बड़े पैमाने पर फर्जी कार्रवाई की गयी है तथा परिवहन विभाग के राजस्व को भी नुकसान पहुंचाया गया है. यह मामला उस समय पकड़ में आया, जब डीटीओ विद्याभूषण कुमार के इमेल आइडी पर उनके विभागीय एप्लीकेशन के लॉग इन में प्रवेश की फोर्स इंट्री के नोटिफिकेशंस सात व आठ मार्च 2018 को लगातार मिलने लगे. इस नोटिफिकेशंस पर उन्हें शक हुआ तो उन्होंने जांच करायी.

प्रारंभिक जांच में पाया गया कि महीने भर में ही इस लॉग इन को हैक कर किसी अनधिकृत शख्स ने 38 बार वाहनों के स्वामित्व का स्थानांतरण (ट्रांसफर ऑफ ऑनरशिप) तथा दृष्टिबंधक समाप्ति (हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन) जैसी कार्रवाई फर्जी तरीके से कर दी है. इस लॉग इन में एक्सेस कर इन कार्यों को अनुमोदित किया गया. यह 38 फर्जी कार्रवाई 11 नवंबर 2017 से लेकर 16 दिसंबर 2017 की ही अवधि में हुए हैं.

गहन जांच हुई, तो हो सकता है बड़ा खुलासा

मामले की गहन जांच होने पर परिवहन विभाग में बड़े पैमाने पर की गयी गड़बड़ी का खुलासा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. यह भी संभावना जतायी जा रही है कि इस मामले में विभाग से जुड़े रहे कुछ पुराने लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है, जो आइटी के जानकार रहे हों या इस विभाग के ऑपरेटर रह चुके हों. विभागीय स्तर पर 11 नवंबर 2017 से लेकर 16 दिसंबर 2017 की अवधि में दुमका डीटीओ के लॉग इन को एक्सेस करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई तरह के साक्ष्य जमा किये गये हैं.

मुख्यालय को जांच के लिए लिखा

अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने जिला परिवहन पदाधिकारी के लॉग इन में साइबर सेंधमारी होने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि मार्च के पहले सप्ताह में डीटीओ को लॉग इन को हैक करने को लेकर नोटिफिकेशंस आया था. जिसके बाद उन्होंने इसे ब्लॉक किया था. यह नोटिफिकेशंस लॉग इन में फोर्सफुली इंटर करने से संबंधित था. तब इस मामले में डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेटिक सेंटर के टेक्निकल सेल की मदद ली गयी.

नवंबर-दिसंबर के बीच के एक महीने में नमूने के तैर पर जांच करायी गयी, तो पाया गया कि अनधिकृत तरीके से किसी अन्य आइपी से काम किया गया है व काम करके कुछ गलत कार्रवाई की गयी है. एसडीओ ने बताया कि अभी इस मामले में आवश्यक दस्तावेज और साक्ष्य एकत्रित कर विस्तृत जांच करने के लिए एनआइसी के पदाधिकारी को लिखा गया है तथा विभागीय प्रधान और परिवहन विभाग के तकनीकी पदाधिकारी को सूचना दी गयी है. उन्होंने कहा कि दोषियों तक पहुंच कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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