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जमीन मुआवजा घोटाले की एसीबी जांच पूरी

तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी की मिलीभगत उजागर धनबाद : आइएसएम के विस्तारीकरण में जमीन मुआवजा घोटला की जांच धनबाद एसीबी ने पूरी कर ली है. तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी उदय कांत पाठक व श्रीनारायण विज्ञान प्रभाकर सहित मुआवजा लेने वाले सुषमा प्रसाद, केदारनाथ शर्मा, मालती देवी, कृतेंद्र कुमार कौशिक, रवींद्र नाथ सिंह, तनुज सिंह, अभिषेक कुमार […]

तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी की मिलीभगत उजागर

धनबाद : आइएसएम के विस्तारीकरण में जमीन मुआवजा घोटला की जांच धनबाद एसीबी ने पूरी कर ली है. तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी उदय कांत पाठक व श्रीनारायण विज्ञान प्रभाकर सहित मुआवजा लेने वाले सुषमा प्रसाद, केदारनाथ शर्मा, मालती देवी, कृतेंद्र कुमार कौशिक, रवींद्र नाथ सिंह, तनुज सिंह, अभिषेक कुमार और वीरेंद्र कुमार मिश्रा की संलिप्तता पर सवाल उठे हैं. धनबाद एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार मामले की समीक्षा की जाएगी. जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अनुमति मांगने के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
क्या है मामला : आइएसएम के विस्तारीकरण को लेकर आइएसएम के तत्कालीन कुल सचिव ने जिला प्रशासन से 8.65 एकड़ जमीन मांगी थी. इसको लेकर उपायुक्त ने अधिसूचना जारी की थी कि जहां की जमीन आइएसएम को चाहिए वहां किसी तरह की जमीन की खरीद-बिक्री नहीं होगी. 2013 में तात्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी उदयकांत पाठक ने जिला निबंधक को इसको लेकर आदेश दिया था.
इसके बाद भी जमीन कारोबारियों ने मूल रैयतों से कम दाम में जमीन लेकर ऊंचे दाम दिखाकर रजिस्ट्री करवा ली थी. बाद में जमीन कारोबारियों को उसी हिसाब से जमीन अधिग्रहण कर ऊंचे दाम पर मुआवजा दिया गया. इसमें आठ लोगों को कुल नौ करोड़ 97 लाख मिला था. एसीबी की जांच में यह सामने आया है कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारी की मिलीभगत से ऐसा हुआ है.

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