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32.91 करोड़ की टैक्स चोरी में एक गिरफ्तार

बरवाअड्डा : फर्जी रजिस्ट्रेशन करा कर आइटीसी (इंपुट टैक्स क्रेडिट) से करोड़ों का घोटाला करने के मामले में हीरापुर निवासी कृष्णा कुमार को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. कृष्णा के खिलाफ लगभग 32 करोड़ 91 लाख रुपया टैक्स चोरी मामले में वाणिज्यकर पदाधिकारी विनय कुमार ने बरवाअड्डा थाना में एफआइआर दर्ज करायी थी. […]

बरवाअड्डा : फर्जी रजिस्ट्रेशन करा कर आइटीसी (इंपुट टैक्स क्रेडिट) से करोड़ों का घोटाला करने के मामले में हीरापुर निवासी कृष्णा कुमार को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. कृष्णा के खिलाफ लगभग 32 करोड़ 91 लाख रुपया टैक्स चोरी मामले में वाणिज्यकर पदाधिकारी विनय कुमार ने बरवाअड्डा थाना में एफआइआर दर्ज करायी थी.

कृष्णा कुमार के अलावा बंगाल निवासी मुकेश अग्रवाल पर भी प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी थी. डीएसपी मुख्यालय वन सरिता मुर्मू ने बताया कि बरवाअड्डा में कांड संख्या 106 -18 के तहत इन पर मामला दर्ज किया गया था. मुकेश अग्रवाल बरवाअड्डा में भूतनाथ इंटरप्राइजेज नामक एक फर्जी कंपनी चला रहा था. जिसके तहत यह आइटीसी से करोड़ों रुपये का गबन कर रहा था. मगर जब मामले का खुलासा हुआ तो तो पता चला कि एेसी कोई कंपनी नहीं है. मुकेश अग्रवाल का सारा रिटर्न कृष्णा कुमार के द्वारा भरा जा रहा था. पुलिस जांच में उसके लैपटॉप में यह सारी जानकारी सामने आयी है.
डीएसपी ने बताया कि धनबाद जिला में नकली रजिस्ट्रेशन करा कर आइटीसी से लाभ लेने के मामले में छह केस अलग- अलग थानों में चल रहे हैं. इन सभी मामलों में इन दोनों व्यक्तियों का हाथ होने का भी सबूत मिला है. हालांकि इसमें अलग-अलग लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस को शक है कि सभी एक साथ गैंग बनाकर काम कर रहे हैं.
भूतनाथ का प्रोपराइटर है मुकेश अग्रवाल
भूतनाथ इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर है मुकेश अग्रवाल. पिता सतीश अग्रवाल व पता पकौड़ी बाजार बरवाअड्डा. ये आयरन स्टील का कारोबार करते हैं. एमएस इंटरप्राइजेज सारजा मार्केट नहापुर विलेज दिल्ली से 107 करोड़ 95 लाख 93 हजार का आयरन खरीदा था. जुलाई 2017 से सितंबर 2017 तक ओम इंटरप्राइजेज (देवघर), शाहा इंटरप्राइजेज (देवघर), शक्ति ट्रेडर्स (धनबाद), देव ट्रेडर्स (धनबाद), जय दुर्गा (धनबाद) को माल बेचा. 32 करोड़ 91 लाख का इंपुट टैक्स क्रेडिट(आइटीसी) दिखाया.
माल की बिक्री पर 32 करोड़ 91 लाख का टैक्स कलेक्शन दिखा कर आइटीसी से एडजस्ट कर लिया. माल पर जो टैक्स सरकार को मिलना चाहिए, वह नहीं मिला. न तो कोई कर चुकाया और न ही कोई इंवाइस ही निर्गत किया गया. कागज पर पूरा खेल हुआ. पिछले दिनों जब जांच शुरू हुई तो ट्रेडर्स के नाम से न तो कोई गोदाम मिला और न ही ऑफिस.

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