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एसकेएमयू में एनएसएस की गतिविधियां ठप

दुमका: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां लगभग ठप है. प्रावधान व गाइडलाइन के अनुरूप कार्य नहीं हो रहे हैं. इस विश्वविद्यालय के अंगीभूत व संबद्ध महाविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना की 90 इकाइयां कागजों पर चल रही है. पर उनमें से 10 फीसदी इकाईयां भी सक्रिय और प्रभावकारी ढंग से […]

दुमका: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां लगभग ठप है. प्रावधान व गाइडलाइन के अनुरूप कार्य नहीं हो रहे हैं. इस विश्वविद्यालय के अंगीभूत व संबद्ध महाविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना की 90 इकाइयां कागजों पर चल रही है. पर उनमें से 10 फीसदी इकाईयां भी सक्रिय और प्रभावकारी ढंग से संचालित नहीं है.

इसका खुलासा राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक दीपक कुमार के पत्र से भी हुआ है. श्री कुमार ने अपने पत्र में चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा करते लिखा है कि वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 की जो उपलब्धियां रही है, वह बेहद निराशाजनक है. विशेष कैंप की उपलब्धि तो दस प्रतिशत से भी कम है. विश्वविद्यालय के अंदर 10 कैंप भी आयोजित नहीं किया जा सका. यह विशेष कैंप सभी यूनिट के लिए किये जाने का दिशा-निर्देश है. सात दिनों के इस विशेष कैंप और 120 घंटे की सामान्य गतिविधि सालभर में आयोजित कराये जाने का निर्देश सभी इकाईयों को होता है. बावजूद स्थिति ऐसी रही. यही नहीं सामान्य गतिविधि से संबंधित भी उपलब्धि इससे इतर नही है.

कैबिनेट सेक्रेटेरिएट को भी जा रही नेगेटिव रिपोर्ट : क्षेत्रीय निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के एनएसएस सेल द्वारा केवल गतिविधियों के आयोजन में ही उदासीनता नहीं दिखायी जा रही. बल्कि रिपोर्ट भेजने के मामले में भी विवि का यह सेल भारी गड़बड़ी करता रहा है. बार-बार क्षेत्रीय निदेशालय से कैबिनेट सेक्रेटेरिएट में भी नकारात्मक प्रतिवेदन भेजे जा रहे हैं.
जताया संदेह, स्वयंसेवकों को सर्टिफिकेट मिल रहा या नहीं
क्षेत्रीय निदेशक दीपक कुमार ने कहा है कि इस विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में एनएसएस के स्वयंसेवक को स्वयंसेवक के रूप में प्रमाण-पत्र भी मिल पा रहा है या नहीं, यह संदेह है. उन्होंने कहा कि एक स्वयंसेवक का कार्यकाल दो वर्ष का है. उसे केवल एक विशेष कैंप और 240 घंटे की सामान्य गतिविधि में भाग लेने का अवसर मिलता है. सफलतापूर्वक इसे पूरा करने पर प्रमाण पत्र मिलना है, पर जब गतिविधि ही नहीं आयोजित हुई और कैंप ही नहीं हुआ, तो उन्हें प्रमाण पत्र कैसे मिल रहे होंगे. और अगर प्रमाण-पत्र मिल रहे, तो यह गंभीर विषय है.
डॉ शुक्ला पर गिर सकती है गाज!
जिस तरह का पत्र क्षेत्रीय निदेशक दीपक कुमार ने भेजा है और एक वरीय पदाधिकारी के संग डॉ शुक्ला का कथित दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था, उससे लग रहा है कि आनेवाले समय में एनएसएस काेर्डिनेटर डॉ अजय शुक्ला पर टर्म पूरा होने से पहले गाज गिर सकती है. मामले में वीसी प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि 10 प्रतिशत भी उपलब्धि नहीं होना बेहद गंभीर मामला है. जहां दूसरे विवि खासकर विनोबा भावे विश्वविद्यालय एवं कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं, वहीं ऐसी उदासीनता व लापरवाही से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है. मामले में काेर्डिनेटर को स्पष्टीकरण पूछा गया है. जल्द ही ठोस निर्णय लिये जायेंगे. इस वर्ष 31 दिसंबर तक का समय है, क्रिसमस की छुट्टी में विशेष शिविर लगाये जायेंगे.
फरवरी 2015 से कार्यरत हैं डॉ शुक्ला
एनएसएस के काेर्डिनेटर का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है और उन्हें उनके प्रदर्शन के आधार पर दो साल का सेवा विस्तार मिल सकता है. दुमका के सिदो कान्हू मुर्मू विवि में एनएसएस काेर्डिनेटर पद पर डॉ अजय शुक्ला पदस्थापित हैं. उन्हें 10 फरवरी 2015 को इस पद पर नियुक्त किया गया था.

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