नयी दिल्ली : सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के प्रमुख प्रदीप सिंह खरोला ने बुधवार को कहा कि परिचालन खर्च में बढ़ोतरी और कड़ी प्रतिस्पर्धा से एयर इंडिया को फिर से पटरी पर लाने की राह और ज्यादा कठिन हो गयी है. उन्होंने खुद को बनाये रखने के लिए हर संभव तरीके से आय उत्पन्न करने की जरूरत पर बल दिया. वित्तीय संकट से जूझ रही एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. सरकार भी एयर इंडिया को फिर से खड़ा करने के तरीकों पर काम कर रही है.
खरोला ने कंपनी के कर्मचारियों से कहा कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि, रुपये में उतार-चढ़ाव और परिचालन व्यय में वृद्धि से बदलाव को लेकर हमारी राह और कठिन हो गयी है. इसके अलावा, इस क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा भी चिंता का विषय है. खरोला ने कर्मचारियों के लिए एयरलाइन की आंतरिक पत्रिका ‘संवाद’ (अक्टूबर अंक) में एक संदेश में कहा कि दुनिया भर की एयरलाइंस कंपनियां खर्च पर नियंत्रण और दक्षता को बढ़ाने के कड़े कदम उठा रही हैं.
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ईंधन की कीमतों में इजाफे से विमानन उद्योग प्रभावित हुआ है. पिछले सप्ताह सरकार ने विमान ईंधन पर उत्पाद शुल्क को 14 फीसदी से घटाकर 11 फीसदी कर दिया है. ईंधन लागत और विमानन कंपनी के परिचालन लागत का महत्वपूर्ण हिस्सा है. खरोला ने कहा कि हम वित्तीय तंगहाली से गुजर रहे हैं और खर्च को तर्कसंगत बनाना और मौजूद संसाधनों का उपयोग करना हमारे लिए जरूरी है.
उन्होंने कहा कि हमें अपनी परिचालन दक्षता से समझौते किये बिना मजबूत वित्तीय अनुशासन को अपनाने और अपने कामकाज को सुव्यवस्थित करने के लिए कमर कसनी होगी. एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने कहा कि कंपनी को खुद को बनाये रखने के लिए हर संभव तरीके से आय उत्पन्न करने पर ध्यान देने की जरूरत है. खरोला ने कहा कि हमें सभी अनावश्यक चीजों को खत्म करने और मुनाफे में सुधार पर काम करना होगा. अन्यथा हमारा अस्तित्व दांव पर लग जायेगा.