कोलकाता : बांग्ला भाषा की प्रसिद्ध साहित्यकार नवनीता देव सेन का गुरुवार को निधन हो गया. कैंसर से पीड़ित नवनीता देव सेन ने हिंदुस्तान पार्क स्थित अपने आवास पर शाम 7.35 बजे के करीब अंतिम सांस ली. वह 81 वर्ष की थीं. उनके एक काव्य और कथा–साहित्य ‘नटी नवनीता’ के लिये उन्हें वर्ष 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
वर्ष 2000 में उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला. 1959 में उनकी पहली काव्य संग्रह ‘प्रथम पाताय’ तथा 1976 में पहला उपन्यास ‘ आमि अनुपम’ प्रकाशित हुई थी. उन्होंने इस उपन्यास में नक्सल आंदोलन में बुद्धिजीवियों की भूमिका पर प्रकाश डाला था. उनके निधन से बंगाल के साहित्यजगत में शोक की लहर दौड़ गयी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवनीता देव सेन के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि बंगाल के साहित्यजगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. उनकी कमी सदैव छात्र व उनके शुभेच्छु अनुभव करेंगे.
उन्होंने असंख्य कहानी, कविता, उपन्यास सहित अन्य साहित्य की रचना की थी. उनके परिवार व प्रशंसकों के प्रति उनकी संवेदना है. नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया है. साहित्यकार बुद्धदेव गुप्त ने नवनीता देव सेन के निधन पर शोक जताया है. जताते हुए कहा कि उनके निधन से उन्हें गहरा शोक हुआ है. उनके साथ उनका पारिवारिक संपर्क था. उनके निधन से वह मर्माहत हैं.