कोलकाता :सूत्रधार प्रकाशन की ओर से कांचरापाड़ा स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को गंगा प्रसाद द्वारा संपादित समाजवादी, राजनीतिक चिंतक किशन पटनायक की किताब ‘बदलाव की कसौटी’ पर चर्चा हुई. मुख्य वक्ता के रूप में ‘वागर्थ’ के संपादक डाॅ शंभुनाथ ने कहा कि मौजूदा समय में बाजारवाद ने विचार पर आक्रमण तेज कर दिया है. आदमी को संवेदनहीन बनाना शुरू कर दिया है. किशन पटनायक की इस किताब को पढ़ कर विचार के बचाव में खड़ा होने, आगे बढ़ने और बाजारवाद के खिलाफ लड़ने का बल मिलता है.
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कोलकाता : बदलाव की कसौटी’ पुस्तक पर चर्चा
कोलकाता :सूत्रधार प्रकाशन की ओर से कांचरापाड़ा स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को गंगा प्रसाद द्वारा संपादित समाजवादी, राजनीतिक चिंतक किशन पटनायक की किताब ‘बदलाव की कसौटी’ पर चर्चा हुई. मुख्य वक्ता के रूप में ‘वागर्थ’ के संपादक डाॅ शंभुनाथ ने कहा कि मौजूदा समय में बाजारवाद ने विचार पर आक्रमण तेज […]
मनुष्यता कभी खत्म नहीं हो सकती. आदमी में मनुष्यता गहराई तक है. ‘बदलाव की कसौटी’ की परिचर्चा लगातार होनी चाहिए. उन्होंने किशन पटनायक के विचारों, संघर्षों, संसद में भूमिका, समाजवादी विचारों, सिद्धांतों के प्रति समर्पण का जिक्र किया.
कार्यक्रम में डॉ भोला प्रसाद सिंह, प्रो संजय जायसवाल और गंगा प्रसाद ने अपने विचार रखे. दीप नारायण सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन संजय राय ने किया.
किताब में शामिल मुद्दों के बारे में सुशील कांति ने संक्षिप्त परिचय कराया. चर्चा के दौरान किशन पटनायक की पत्नी वाणी मंजरी दास और किशन पटनायक के करीबी अच्युतानंद किशोर नवीन की ओर से इस किताब को प्रकाशित करने का प्रयास के बारे में जिक्र किया गया. साथ ही किशन पटनायक की ओर से उठाये गये मुद्दों की प्रासंगिकता और महत्ता की विस्तार से चर्चा की गयी.
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