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निजी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा

कोलकाता : इएम बाइपास के मुकुंदपुर स्थित एक निजी अस्पताल में गॉल ब्लैडर में पथरी की सर्जरी के बाद छात्रा की मौत की घटना को लेकर उसके परिजनों ने प्रबंधन पर चिकित्सकीय लापरहवाही का आरोप लगाते हुए जम कर हंगामा किया. घटना शुक्रवार रात की है. मृतका का नाम अनिंदिता मंडल (14) है. वह दक्षिण […]

कोलकाता : इएम बाइपास के मुकुंदपुर स्थित एक निजी अस्पताल में गॉल ब्लैडर में पथरी की सर्जरी के बाद छात्रा की मौत की घटना को लेकर उसके परिजनों ने प्रबंधन पर चिकित्सकीय लापरहवाही का आरोप लगाते हुए जम कर हंगामा किया.
घटना शुक्रवार रात की है. मृतका का नाम अनिंदिता मंडल (14) है. वह दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर के कामदाबाद भौमिक पार्क इलाके की रहनेवाली थी. वह स्थानीय एक अंग्रेजी माध्याम के स्कूल में कक्षा 9 की छात्रा थी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 18 मार्च छात्र को ब्लैडर में स्टोन की शिकायत पर उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया था. 19 मार्च को ही स्टोन निकालने के लिए सर्जरी की गयी थी. परिजनों का आरोप है कि सर्जरी के दौरान पित्ताशय की नली में डॉक्टरों के गलती से छेद कर दी थी, जिसके कारण छात्रा की स्थिति लगातार खराब होती चली गयी.
इस समस्या के समाधान के लिए दो बार चिकित्सकों ने सर्जरी भी की. इस विषय में मृतका के पिता राजेश मंडल ने बताया कि दो बार सर्जरी के बाद चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है.
उसके पूरे शरीर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. मृतका के एक अन्य परिजन ने बताया कि उन्हें बताये बगैर ही ब्लैडर की दोबारा सर्जरी कर करीब आठ स्टोन निकाले गये थे. दो माह से वह अस्पताल में चिकित्सारत थी. जबकि गत एक महीने से उसे वेंटिलेशन पर रखा गया था. पिता का आरोप है कि अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही के कारण लड़की की मौत हुई है.
उन्होंने डॉ एस बनर्जी पर चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को वेंटिलेशन खोलते ही अनिंदिता की मौत हो गयी. परिजनों की ओर से डॉ एस बनर्जी के खिलाफ पूर्व यादवपुर थाने में शिकायत दर्ज करायी है.
क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का
इस विषय में अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर बताया गया है कि ब्लैडर से स्टोन निकालने के बाद अचानक मरीज के उदर के भीतरी हिस्से में लिकेज की समस्या देखी गयी.
इस पर हमने ब्लैडर को निकालने का निर्णय लिया. इस सर्जरी के बाद मरीज की सेहत स्थिर थी, लेकिन अचानक उसे सांस की समस्या शुरू हो गयी. इस वजह से हमें मरीज को लाइफ स्पोर्ट सिस्टम (वेंटिलेशन) पर रखना पड़ा.
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इसके बाद अचानक मल्टी ऑर्गन फेल होने के कारण मरीज की मौत हुई. अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गयी है.

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