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खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास पर होगा एक अरब खर्च

गांधीनगर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसइ) नयी दिल्ली ने मंगलवार को संडे बाजार स्थित अब्दुल हमीद स्मृति भवन में खनन प्रभावित पंचायतों के जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. कार्यक्रम प्रबंधक श्रेष्ठा बनर्जी ने डीएमएफ को केंद्र व राज्य की एक महत्वपूर्ण योजना बताते हुए इस फंड के उचित निवेश की योजना बनाने की […]

गांधीनगर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसइ) नयी दिल्ली ने मंगलवार को संडे बाजार स्थित अब्दुल हमीद स्मृति भवन में खनन प्रभावित पंचायतों के जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. कार्यक्रम प्रबंधक श्रेष्ठा बनर्जी ने डीएमएफ को केंद्र व राज्य की एक महत्वपूर्ण योजना बताते हुए इस फंड के उचित निवेश की योजना बनाने की बात कही. सामूहिक रूप से समस्याओं के विश्लेषण से लोगों की जरूरतों का वैज्ञानिक व वस्तुनिष्ठ आकलन होगा. योजना निर्माण की प्रक्रिया व्यवस्थित एवं सहभागी होनी चाहिए.

मांग के अनुसार होगा काम : सीएसएइ के कार्यक्रम पदाधिकारी चिन्मयी शल्य ने कहा कि बोकारो जिला के खनन प्रभावित क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए जिला खनिज फाउंडेशन की राशि खर्च की जा सकती है. इसके लिए योजना बनायी जा सकती है. इसके अहम मुद्दों और सिफारिशों को लेकर उपायुक्त से भी मंत्रणा की गयी है. डिमांड के अनुसार ही कार्य होना है. कहा कि वे पंचायत प्रतिनिधियों के सुझावों से अवगत होने आये हैं. मौके पर खनन क्षेत्र के बेरमो, नावाडीह, गोमिया, पेटरवार व चंदनकियारी प्रखंड के कई पंचायत प्रतिनिधि एवं सामुदायिक संगठन के सदस्य उपस्थित थे. उक्त बैठक प्रभावित क्षेत्र के लोगों के दृष्टिकोण और निवेश के मुद्दों को समझाने के लिए बुलायी गयी थी. प्रोग्राम मैनेजर श्रेष्ठा बनर्जी ने कहा कि सीएसइ जरूरी तथ्य व सूचनाएं एकत्र कर रहा है.

प्रतिनिधियों ने तैयार सूची में दिखायीं खामियां : बैठक में उपस्थित पांचों प्रखंड की विभिन्न पंचायतों के मुखिया एसबी सिंह, अन्जु आलम, फरहत बानो, जितेन्द्र कुमार, नकुल महतो, कल्पना देवी, करुणा देवी, जगदीश रजवार, आशा देवी, गौरी शंकर महतो, मंजू देवी, रामवृक्ष रविदास, दुर्गावती देवी, ललिता देवी, चमेली देवी, उपमुखिया संतोष कुमार सिंह, ललन कुमार राम के अलावे सामाजिक संगठन से सुबोध सिंह पवार, गुलाब प्रजापति, जुगनू महतो, हरेराम यादव, राजभारती, मो0 वाहिद, गुड्डू ने खनन क्षेत्र की समस्याओं से सीएसइ के अधिकारियों को अवगत कराया. कहा कि डीएमएफ में लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशि जमा है, परंतु प्रभावित पंचायतों की निर्मित सूची में कई खामियां हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों को इसमें शामिल नहीं किया गया है.

यहां पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. खनन से प्रभावित क्षेत्रों में उक्त राशि खर्च की जानी चाहिए. पंचायत से चयनित योजनाएं डीएमएफ को दी जायेंगी. इसके बाद सीधे पंचायत के जरिये प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को धरातल पर उतारा जाये.

निम्न आय वालों को सब्सिडी और ब्याज मुक्त ऋण : राजीव रंजन

राज्य समन्वयक राजीव रंजन ने कहा कि जिला में नियोजन में सुधार लाने को निवेश शुरू करना होगा. कौशल प्रशिक्षण के दायरे का विस्तार करना भी उपयोगी हो सकता है. शुरुआत में लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए डीएमएफ के जरिये वैसे परिवार जिनकी मासिक आय 10,000 हजार से कम हो उन्हें सब्सिडी और ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना महत्वपूर्ण होगा. महिला समूहों को सहायता प्रदान कर उनके जीवन स्तर को भी सुधारा जा सकता है. सीएसइ के अधिकारियों ने प्रतिनिधियों के सवालों को अग्रसारित करने की बात कही.

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