भागलपुर : बैंकों के विलय के विरोध में ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन एवं बैंक इंलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त आह्वान पर बैंक कर्मियों ने सोमवार को राधा रानी सिन्हा रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया व इलाहाबाद बैंक के आंचलिक कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन एवं सभा किया.
वहीं, संगठन ने 22 अक्तूबर को एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया. साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस मामले पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो संगठन अपनी लड़ाई और भी तेज करेगा. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सरकार के बैंकों के विलय संबंधी निर्णय से न तो देश को फायदा है और न आम जनता को. फायदा बैंकों व कर्मचारियों को भी भी नहीं है. इससे फायदा केवल बैंकों से आम लोगों के पैसों को लूटने वाले बड़े-बड़े पूंजिपतियों एवं उद्योगपतियों को है, जिनको पकड़ने एवं सजा देने की हिम्मत या इच्छा शक्ति सरकार में नहीं है. संगठन 1986-87 से बैंक के बिगड़ते हालात को सुधारने की मांग करती रही है मगर, किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया.
साजिश के तहत बैंकों का गलत ढंग से विलय कर अपनी कमजोरी छिपाने की साजिश हो रही है, जिसका संगठन विरोध कर रहा है और मांग करता है कि जानबुझ कर ऋण वापस नहीं करने वालों को अापराधिक कानून बनाकर सजा दिया जाये. बड़े लोगों से ऋण वसूली का कठोर कानून बना कर बैंकों का ऋण वसूली की जाये. प्रदर्शन कार्यक्रम में गोपेश कुमार, प्रमोद कुमार, अनिल चौधरी, सुरेश प्रसाद, एनके सिन्हा, नित्यानंद मिश्रा, एपी सिंह, अमित पांडेय, अलका कुमारी, शारदा कुमारी व अन्य थे.