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अकवनबागान अवैध खदान से निकाले गये तीन शव

इसीएल की रेस्क्यू टीम के सरेंडर के बाद एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा खदान के बगल में जेसीबी से काटी गयी मिट्टी, 14 घंटों बाद सफलता रविवार को गैस की चपेट में आने से हुए थे बेहोश, फंसे रहे खदान में ही आसनसोल : राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) कोलकाता की टीम में 14 घंटे की […]

इसीएल की रेस्क्यू टीम के सरेंडर के बाद एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा

खदान के बगल में जेसीबी से काटी गयी मिट्टी, 14 घंटों बाद सफलता
रविवार को गैस की चपेट में आने से हुए थे बेहोश, फंसे रहे खदान में ही
आसनसोल : राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) कोलकाता की टीम में 14 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद कुल्टी थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 73 अंतर्गत अकवन बागान इलाके के पास अबैध कोयला खदान में फंसे स्थानीय दुर्गा माझी, विनय माझी, संतोष माझी के शव की गुरुवार की रात को खदान से बाहर निकाला.
इसीएल की माइन्स रेस्क्यू टीम जवाब दे देने के बाद एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया था. गुरुवार सुबह आठ बजे से एनडीआरएफ की टीम ने अपना कार्य आरंभ किया. खदान में 45 फीट अंदर से रात साढ़े दस बजे पहला शव निकाला. उसके आधे घंटे के अंदर ही अन्य दो शवों को भी बाहर निकाला. तीनों शवों को बाहर निकालते ही स्थानीय लोगों ने एडीआरएफ टीम के लिए जयकारे लगाए. स्थानीय विधायक उज्ज्वल चटर्जी, भारी संख्या में पुलिस बल और स्थानीय लोग उपस्थित थे.
सनद रहे कि नियामतपुर से आसनसोल जाने के क्रम में लच्छीपुर गेट बस स्टैंड से दाहिने ओर 500 मीटर की दूरी पर अकवन बागान इलाका में दर्जनों अबैध कोयला खदान के पिट हैं. जिसमें सैकड़ों लोग कोयला चोरी का कार्य करते हैं. इसी चोरी के क्रम में रविवार की दोपहर को स्थानीय दुर्गा माझी, विनय माझी, संतोष माझी और उनका एक सहयोगी खदान के अंदर गये. सूत्रों के अनुसार दुर्गा सुरंग में सबसे आगे चल रहा था. अचानक वह सुरंग में गिर गया. सुंरग में भारी मात्रा में गैस का रिसाव हो रहा था. दुर्गा को निकालने गए विनय और संतोष भी गिर पड़े. यह देख उनका अन्य साथी जल्दी खदान से बाहर निकलकर इसकी जानकारी लोगों को दी.
सूचना पाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने के बाद घटना स्थल पर रात को इसीएल माइन्स रेस्क्यू टीम को बुलाया गया. खदान का मुंह काफी संकरा होने के कारण बचाव दल के कर्मी अपनी साजो-सामान के साथ अंदर दाखिल नहीं हो पाये. बचाव दल के कर्मी खदान में 15 फीट तक नीचे उतरे, अंदर से गैस का भारी रिसाव होने और अंदर दर्जनों सुरंग होने के कारण वे वापस लौट गये.
सोमवार की सुबह ऑक्सीजन गैस के साथ बचाव कर्मी अंदर दाखिल हुए. लेकिन अंदर सुरंग और भी संकरी होने के कारण वे किसी भी सुरंग में प्रवेश नहीं कर पाये और वापस लौट आये. खदान के अंदर एक और मुहाने पर एक कुल दो ब्लोअर फैन लगाकर अंदर से गैस को बाहर निकालने का कार्य किया गया.
इसके बावजूद भी बचाव दल के कर्मी नीचे उतरने में नाकाम रहे और सोमवार की रात को अभियान छोड़कर वापस लौट गए. खदान में उतरने में माहिर स्थानीय कुछ लोगों को रात में खदान में रस्सी बांधकर उतारा गया. वे 40 फ़ीट तक खदान को छान मारा, लेकिन उन्हें वह सुरंग नहीं मिला जिसमें तीनों फंसे थे. मंगलवार रात को भी कुछ ग्रामीणों को खदान में उतारा गया. लेकिन सभी नाकाम रहे. आखिरकार एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया.
गुरुवार की सुबह एनडीआरएफ की टीम ने अपना कार्य आरंभ किया. पहले वे खदान में दाखिल होकर अंदर का नक्शा तैयार किया. उसके उपरांत खदान के मुहाने से कुछ दूरी पर जेसीबी लगाकर जमीन काटने का कार्य आरंभ किया. तालाब के आकार में जमीन काटने में अनेकों सुरंग मिले. इन सुरंगों में जाकर रात साढ़े दस बजे पहला शव निकाला. रात ग्यारह बजे तक अन्य दो शव भी निकाल लिए. पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया.

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