Unparliamentary Words: असंसदीय शब्दों पर मचा घमासान, ओम बिरला ने कहा- कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं

असंसदीय शब्दों पर राजनीति तेज हो गई है. इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोई भी शब्द प्रतिबंधित नहीं है, निकाले गए शब्दों का संकलन जारी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2022 6:05 PM

असंसदीय शब्दों की सूची के संकलन में आम बोलचाल के कुछ शब्दों को शामिल किए जाने को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कोई भी शब्द प्रतिबंधित नहीं है, निकाले गए शब्दों का संकलन जारी है. उन्होंने कहा, जिन शब्दों को हटा दिया गया है, वे विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में पार्टी द्वारा भी संसद में कहे और उपयोग किए गए हैं. केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के चयनात्मक निष्कासन के रूप में कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है, उन शब्दों को हटा दिया है जिन पर पहले आपत्ति की गई थी.


यह 1959 से जारी एक नियमित प्रथा है

बिरला ने आगे कहा पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था. यह 1959 से जारी एक नियमित प्रथा है. कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है. उन्होंने कहा विपक्ष ने 1100 पन्नों की डिक्शनरी को पढ़ा है. यह 1959, 1986, 1992, 1999, 2004, 2009, 2010 में जारी की गई थी. जो 2010 से सालाना आधार पर रिलीज हो रही है.

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जुमलाजीवी जैसे शब्दों को असंसदीय बताना लोकतंत्र का अपमान

कांग्रेस ने जुमलाजीवी और कई अन्य शब्दों को असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे जाने को लेकर गुरुवार को सरकार पर लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि वह संसद के दोनों सदनों में इन शब्दों का इस्तेमाल करती रहेगी. मुख्य विपक्षी दल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से यह आग्रह भी किया कि वे इस फैसले पर पुनर्विचार करें. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की शासन शैली का सही वर्णन करने वाले शब्दों को बोलने पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है.

विपक्ष ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, मोदी सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब असंसदीय माने जाएंगे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दावा किया, सरकार की मंशा है कि जब वह भ्रष्टाचार करे, तो उसे भ्रष्ट नहीं बल्कि, भ्रष्टाचार को ‘मास्टरस्ट्रोक’ बोला जाए. उन्होंने कहा 2 करोड़ रोजगार, किसानों की आय दुगनी जैसे जुमले फेंके, तो उसे जुमलाजीवी नहीं बल्कि ‘थैंक यू’ बोला जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए सवाल किया, संसद में देश के अन्नदाताओं के लिए आंदोलनजीवी शब्द किसने प्रयोग किया था?

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