Make In India: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय कंपनियों से किया 2580 करोड़ रुपये का एमओयू

रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया (make in India) को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय (Defense ministry) ने रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय कंपनियों के साथ 2580 करोड़ रुपये का एमओयू किया है. यह एमओयू (MOU) सेना पिनाका मिसाइल (Pinaka Missiles) समेत सेना की छ: रेजिमेंट को सप्लाई करने के लिए किया गया है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, (BEML) टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (TPCL) और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के साथ 31 अगस्त को एमओयू पर साइन किये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2020 12:37 PM

रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय कंपनियों के साथ 2580 करोड़ रुपये का एमओयू किया है. यह एमओयू सेना पिनाका मिसाइल समेत सेना की छ: रेजिमेंट को सप्लाई करने के लिए किया गया है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने भारत अर्थ मूवर्स, टाटा पावर कंपनी लिमिटेड और लार्सन एंड टूब्रो के साथ 31 अगस्त को एमओयू पर साइन किये हैं.

टाटा पावर कंपनी लिमिटेड और लार्सन एंड टूब्रो से रेजिमेंटस के लिए पिनाका मिसाइल के अलावा स्वचालित लॉंचिंग एंड पॉजिशनिंग सिस्टम के साथ 111 लॉन्चर लिये जायेंगे. भारत अर्थ मूवर्स से 330 वाहनों के लिए एमओयू किया गया है. देश में निर्मित इन उपकरणों का संचालन उत्तरी और पूर्वी सीमाओं में किया जायेगा. 2024 तक इनका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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परियोजना के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंजूरी दे दी है. पिनाका मल्टीपल रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम को स्वदेशी रूप से डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किया गया है. इसका निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को प्रदर्शित करने वाले एक प्रमुख प्रोजेक्ट के तहत किया गया है.

इससे पहले खबर यह आयी थी कि भारत सरकार स्वदेशी हथियारों और सैन्य उपकरणों को निर्यात करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके लिए सरकार मित्र देशों को राजनयिक संबंधो का इस्तेमाल कर सकती है. इस बात को बल इसलिए मिल रहा है क्योंकि रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव ने एक वेबमीनार में कहा की भारत सरकार मित्र देशों के राजनयिकों से बातचीत कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि उन्हें किस तरह के हथियारों की जरूरत है. ताकि उनकी मांग के हिसाब से देश में रक्षा उपकरणो और हथियारों का निर्माण किया जा सके.

पिछले महीने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐलान किया था कि रक्षा मंत्रालय अब आत्‍मनिर्भर भारत की राह अपनाएगा. रक्षा उत्‍पादन के स्‍वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 रक्षा उत्‍पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और इन्‍हें स्‍वदेशी स्‍तर पर बनाया जाएगा.

Posted By: Pawan Singh

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