jammu kashmir news : पाकिस्तान जाना होता तो 1947 में जाते, यह भाजपा का नहीं गांधी का देश है : फारूक अब्दुल्ला

jammu kashmir news जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, jammu kashmir मैं तबतक नहीं मरूंगा जबतक पूर्ववर्ती राज्य के लोगों का संवैधानिक अधिकार बहाल नही हो जाता. जम्मू में पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक बड़े कार्यक्रम में उन्होंने यह बातें कही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2020 11:10 PM

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मैं तबतक नहीं मरूंगा जबतक पूर्ववर्ती राज्य के लोगों का संवैधानिक अधिकार बहाल नही हो जाता. जम्मू में पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक बड़े कार्यक्रम में उन्होंने यह बातें कही.

कार्यकर्ताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, जो लोग मुझे पाकिस्तान जाने का मशविरा दे रहे हैं, उन्हें ये समझ लेना चाहिए कि अगर हमें पाक चले जाना होता तो हम 1947 में ही चले जाते. फारूक ने कहा, ये हमारा भारत हैं, लेकिन हमारा हिंदुस्तान गांधी का हिंदुस्तान है बीजेपी का नहीं. फारूक ने संबोधन में यह भी कहा कि वो जम्मू-कश्मीर का पुराना दर्जा बहाल होने तक नहीं मरेंगे.

जो हम पर पाकिस्तानी होने का आरोप लगा रहे हैं, वे वास्तव में पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं. अगर कुछ गलत होता है, तो वे पाकिस्तानी नारे लगाने वाले पहले व्यक्ति होंगे. हमें पाकिस्तान ही जाना होता तो हम 1947 में ही चले गए होते. उस वक्त हमें रोकने वाला कोई भी नहीं था. लेकिन हमनें हिंदुस्तान में रहने का फैसला किया और ये हमारा देश है .

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हमारा देश गांधी का देश है, ना कि बीजेपी का देश. अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय भावुक होकर फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि पूर्ववर्ती राज्य के लोगों का संवैधानिक अधिकार बहाल होने तक वह नहीं मरेंगे.

इस मौके पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा, भाजपा कश्मीरी पंडितों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है. समुदाय को अब भी घाटी में अपनी वापसी और पुनर्वास की प्रतीक्षा है.

28 साल से भाजपा कह रही है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी में उनके घरों में वापस लाया जाएगा. वे पांच साल से अधिक समय से सत्ता में हैं लेकिन वे अब भी वापसी के दिन का इंतजार कर रहे हैं.

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू में अब्दुल्ला (84) की यह पहली राजनीतिक बैठक थी. अब्दुल्ला, अपने बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ दोपहर में यहां पहुंचे.

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पिछले एक साल से ज्यादा समय में वह पहली बार जम्मू आए हैं . अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू, लद्दाख और कश्मीर को एक दूसरे से अलग कर दिया जाएगा. हालात के कारण हम पीएजीडी के गठन के समय इन क्षेत्रों के लोगों को शामिल नहीं कर पाए और अब यहां आए हैं. ‘ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35 ए को फिर से बहाल करने तथा कानूनों को समाप्त करने के लिए दलों ने हाथ मिलाए हैं.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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