Coronavirus Vaccine: क्या भारत में भी इस्तेमाल होगी रूस में बनी कोरोना वैक्सीन? एम्स निदेशक ने दिया जवाब

Coronavirus Vaccine, Russia Vaccine update: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया है कि उनके वैज्ञानिकों ने ऐसी वैक्सीन तैयार कर ली है जो कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर है. उनके इस दावे के बाद दुनिया भर के देश अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. भारत के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश में भी रूस में बनी वैक्सीन को उतारने से पहले सुरक्षा के लिहाज से इसके असर को आंका जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2020 2:39 PM

Coronavirus Vaccine, Sputnik V, Russia Vaccine update: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया है कि उनके वैज्ञानिकों ने ऐसी वैक्सीन तैयार कर ली है जो कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर है. उनके इस दावे के बाद दुनिया भर के देश अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. भारत के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश में भी रूस में बनी वैक्सीन को उतारने से पहले सुरक्षा के लिहाज से इसके असर को आंका जाएगा.

लाइव मिंट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर रूस की वैक्सीन सफल होती है, तो हमें बारीकी से ये देखना होगा कि ये सुरक्षित और प्रभावी है. इस वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होने चाहिएं और इससे मरीज अच्छी प्रतिरोधक क्षमता और सुरक्षा मिले. डॉ गुलेरिया ने कहा कि अगर ये वैक्सीन सही साबित होती है तो भारत के पास बड़ी मात्रा में इसके निर्माण की क्षमता है इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आईसीएमआर और भारत बायोटेक के सहयोग से विकसित की जा रही वैक्सीन का पहली और दूसरी स्टेज का मानवीय परीक्षण चल रहा है, जबकि यही स्थिति जायडस कैडिला की ओर से बन रही वैक्सीन की भी है.

रूस के वैक्सीन पर वैज्ञानिक जगत में चिंताएं

रूस के राष्ट्रपति के मुताबिक, इस टीके का इंसानों पर दो महीने तक परीक्षण किया गया और ये सभी सुरक्षा मानकों पर खरा उतरा है. इस वैक्सीन को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मंज़ूरी दे दी है. माना जा रहा है कि रूस में अब बड़े पैमाने पर लोगों को यह वैक्सीन देनी की शुरुआत होगी. हालांकि रूस ने जिस तेजी से कोरोना वैक्सीन को हासिल करने का दावा किया है उसको देखते हुए वैज्ञानिक जगत में इसको लेकर चिंताएं भी जताई जा रही हैं. लेकिन रूस अकेला देश नहीं है जो वैक्सीन बनाने में लगा है. 100 से भी अधिक वैक्सीन शुरुआती स्टेज में हैं और 20 से ज़्यादा वैक्सीन का मानव पर परीक्षण हो रहा है.

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डब्लूएचओ ने रूस से किया आग्रह

रूस के जरिए विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी नहीं है कि वो इसका मूल्यांकन करे. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अंतर्गत आने वाले पैन-अमैरिकन हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन के सहायक निदेशक जरबास बारबोसा ने कहा कि कहा जा रहा है कि ब्राजील वैक्सीन बनाना शुरू करेगा. लेकिन जब तक और ट्रायल पूरे नहीं हो जाते ये नहीं किया जाना चाहिए.

उनका कहना था, वैक्सीन बनाने वाले किसी को भी इस प्रक्रिया का पालन करना है जो कि ये सुनिश्चित करेगा कि वैक्सीन सुरक्षित है और डब्लूएचओ ने उसकी सिफारिश की है. पिछले हफ्ते डब्लूएचओ ने रूस से आग्रह किया था कि वो कोरोना के ख़िलाफ़ वैक्सीन बनाने के लिए वो अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन का पालन करे.

दुनिया भर में कोरोना से सात लाख से ज़्यादा लोगों की मौत

जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 20,209,647 हो गए हैं. वहीं, संक्रमण की चपेट में आकर कुल 7,40,276 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले अब भी अमेरिका में हैं. अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर ब्राजील और तीसरे नंबर पर भारत है. चौथे नंबर पर रूस और दक्षिण अफ्रीका पांचवे नंबर है.

Posted By: Utpal kant

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