देश में फिर कहर बरपाने लगा कोरोना, 102 दिन बाद कोरोना के मिले रिकॉर्ड मरीज, महाराष्ट्र में 6 महीने में सबसे अधिक केस दर्ज

Corona second wave : महाराष्ट्र में 17 सितंबर को 24,619 कोरोना के पॉजिटिव केस मिले थे. बुधवार को महाराष्ट्र में कोविड से 84 मौतें हुईं. महाराष्ट्र में मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को 30 फीसदी तक कुल मामलों में इजाफा हुआ. इसके बाद अब यहां कोरोना मामलों की कुल संख्या बढ़कर 23,70,507 हो गई है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 18, 2021 10:46 AM
  • महाराष्ट्र में एक दिन में निकले 23,179 नए केस

  • पुणे में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4,745 मामले

  • नागपुर में पहली बार एक दिन में मुंबई से भी ज्यादा संक्रमण

Corona second wave : देश के लोगों को कोरोना ने डराना शुरू कर दिया है. आलम यह है कि भारत में एक दिन में 102 दिन बाद बुधवार को कोरोना के सबसे अधिक रिकॉर्ड 35,886 नए मामले सामने आए. इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में कोरोना के पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. यहां पूरे देश में आए नए मामलों का करीब 64 फीसदी केस एक दिन के दौरान दर्ज किया गया. बुधवार को महाराष्ट्र में 23,179 नए केस दर्ज किए गए, जो बीते छह महीने में सबसे अधिक रिकॉर्ड है. पुणे में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4,745 नए केस, 15 मरीजों की मौत हुई है.

महाराष्ट्र में 17 सितंबर को 24,619 कोरोना के पॉजिटिव केस मिले थे. बुधवार को महाराष्ट्र में कोविड से 84 मौतें हुईं. महाराष्ट्र में मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को 30 फीसदी तक कुल मामलों में इजाफा हुआ. इसके बाद अब यहां कोरोना मामलों की कुल संख्या बढ़कर 23,70,507 हो गई है. 1 मार्च से 17 मार्च के बीच राज्य में कोरोना के रोजाना मामलों में चार गुना बढ़ोतरी हुई है. यहां तक कि महाराष्ट्र के कई शहरों में रोजाना आने वाले केस पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुल केस से भी ज्यादा हैं.

नागपुर में बुधवार को अकेले 2,698 केस सामने आए, जबकि पंजाब में 2,039, गुजरात में 1,122, केरल में 2,098 और कर्नाटक में 1,275 मरीज मिले. नागपुर में पहली बार एक दिन में मुंबई से भी ज्यादा संक्रमण देखने को मिला. मुंबई में बुधवार को 2,377 केस सामने आए थे. मुंबई में कोरोना के नए केस में मार्च के पहले हफ्ते से तीन गुना इजाफा हुआ है. 1 मार्च को 855 केस मिले थे.

महाराष्ट्र के अलावा 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में बुधवार को जनवरी के बाद सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं. पंजाब में 2,039 ( 23 सितंबर के बाद सबसे अधिक), कर्नाटक में 1,275 (9 दिसंबर के बाद सबसे अधिक), गुजरात में 1,122 ( 16 दिसंबर के बाद सबसे ज्यादा), तमिलनाडु में 945 (29 दिसंबर के बाद सबसे ज्यादा), छत्तीसगढ़ में 887 ( 9 जनवरी के बाद सर्वाधिक), मध्य प्रदेश में 832 (31 दिसंबर के बाद सबसे ज्यादा), हरियाणा में 555 (20 दिसंबर के बाद सर्वाधिक), दिल्ली में 536 (6 जनवरी के बाद सर्वाधिक), राजस्थान में 313 (13 जनवरी के बाद सबसे ज्यादा), बंगाल में 303 (24 जनवरी के बाद सर्वाधिक) केस मिले.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, पंजाब में एक मार्च को औसतन 531 नए मामले आए, जबकि 15 मार्च से इनकी संख्या औसतन 1338 हो गई. वहीं संक्रमण दर दोगुनी हो गई है और जांच में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी 89 फीसदी है. इसी प्रकार, चंडीगढ़ में एक मार्च को औसतन 49 नए मामले दर्ज किए, जबकि 15 मार्च से इनकी संख्या औसतन 111 हो गई.

संक्रमण दर भी 3.5 फीसदी से बढ़कर 7.5 फीसदी हो गई, जबकि कुल नमूनों की जांच में आरटी-पीसीआर पद्धति की हिस्सेदारी 40 फीसदी रही. भूषण ने कहा कि हम जांच की संख्या बढ़ाना चाहते हैं और इनमे आरटी-पीसीआर जांच को मौजूदा 40 फीसदी से कहीं अधिक बढ़ाने की जरूरत है.

छत्तीसगढ़ में एक मार्च को औसतन 239 नए संक्रमण के मामले आए जो 15 मार्च से बढ़कर औसतन 430 हो गई. राज्य में संक्रमण दर भी 1.4 फीसदी से बढ़कर 2.4 फीसदी हो गई, जबकि जांच में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी 34 फीसदी रही. भूषण ने कहा कि फिर हम जांच में आरटी-पीसीआर जांच की हिस्सेदारी 70 फीसदी तक बढ़ाना चाहते हैं.

गुजरात में एक मार्च को औसतन 398 नए मामले आए, जिनकी संख्या 15 मार्च से औसतन 689 हो गई. राज्य में संक्रमण दर भी 2.4 फीसदी से बढ़कर चार फीसदी हो गई, जबकि कुल जांच में आरटी-पीसीआर पद्धति से जांच 50 फीसदी है. कर्नाटक में एक मार्च को औसतन 443 नए मामले आए, जो 15 मार्च से बढ़कर औसतन 751 हो गई. राज्य में संक्रमण दर 0.8 फीसदी से बढ़कर 1.3 फीसदी हो गई. हालांकि, राज्य में कुल जांच में आरटी-पीसीआर जांच की हिस्सेदारी 93 फीसदी है.

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Posted by : Vishwat Sen

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