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बैंक ऑफ बड़ौदा घोटाला मामले में सीबीआई ने मारे छापे, गोल्डन जुबली होटल्स के डाइरेक्टर और एमडी के खिलाफ केस दर्ज

ओबेराय समूह के एक प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि प्राथमिकी को अभी हमारे ध्यान में लाया गया है और हम इसकी सामग्री की जांच कर रहे हैं. ओबेराय और लक्ष्मी नारायण शर्मा के अलावा सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र तथा धोखाधड़ी से संबंधित आईपीसी की धाराओं एवं भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में नेहा गंभीर और यशदीप शर्मा का भी नाम दर्ज किया है.

नई दिल्ली : सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व में सात बैंकों के कंसोर्टियम का 1,285 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में कथित रूप से धोखाधड़ी के सिलसिले में गोल्डन जुबली होटल्स के निदेशक अर्जुन सिंह ओबेराय और इसके प्रबंध निदेशक (एमडी) लक्ष्मी नारायण शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस मामले में हैदराबाद में कई ठिकानों पर तलाशी ली. ओबेराय ईआईएच लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी हैं, जो ओबेराय, ट्राइडेंट तथा मैडन्स होटल शृंखला को संचालित करती है.

ओबेराय समूह के एक प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि प्राथमिकी को अभी हमारे ध्यान में लाया गया है और हम इसकी सामग्री की जांच कर रहे हैं. ओबेराय और लक्ष्मी नारायण शर्मा के अलावा सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र तथा धोखाधड़ी से संबंधित आईपीसी की धाराओं एवं भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में नेहा गंभीर और यशदीप शर्मा का भी नाम दर्ज किया है.

आरोप है कि गोल्डन जुबली होटल्स ने बैंकों के कंसोर्टियम से टर्म लोन तथा बैंक गारंटी के तौर पर 2009-2015 के बीच 728 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इन बैंकों में बैंक ऑफ बड़ोदा, पूर्ववर्ती कॉरपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब और सिंध बैंक, पूर्ववर्ती सिंडीकेट बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं. जब कंपनी ने समय पर कर्ज नहीं लौटाया, तो बैंकों ने अर्न्स्ट एंड यंग से फोरेंसिक ऑडिट कराया, जिसने खाते को फर्जी घोषित किया.

बैंकों ने शिकायत में आरोप लगाया कि कर्ज लेने वाली कंपनी, उसके प्रमोटरों और अज्ञात लोगों तथा इकाइयों ने सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र के तहत एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम को 30 सितंबर 2020 तक की बिना चुकाई ब्याज के साथ कुल मिलाकर 1285.45 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के बेईमानीपूर्ण इरादे के साथ उन्हें दिये गये पैसे को दूसरे काम में इस्तेमाल किया और कर्ज में ली गई राशि का बेईमानीपूर्ण तरीके से दुरुपयोग किया.

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Posted by : Vishwat Sen

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