नयी दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने पार्टी के सहकर्मी मणि शंकर अय्यर की आलोचना की है, जिन्होंने हाल ही में दलील दी थी कि कांग्रेस को विपक्ष में बैठना चाहिए.
सिंह ने कहा कि यह एक ‘पराजयवादी मानसिकता’ है.प्रख्यात कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उनका (अय्यर का) मैं बहुत सम्मान करता हूं लेकिन मैं उनके इस बयान से सहमत नहीं हूं कि कांग्रेस को विपक्ष में बैठना चाहिए. यह एक पराजयवादी मानसिकता है..इसने पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम किया है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए लड़ना चाहती है न कि हारने के लिए.सिंह ने कहा, ‘‘मैं उनसे या किसी और से इस तरह की बात कहे जाने की उम्मीद नहीं करता.’’ उन्होंने अय्यर की उस टिप्पणी पर यह बात कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को विपक्ष में बैठना चाहिए और खुद में नयापन लाना चाहिए.
2012 में हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले सिंह केंद्रीय मंत्री थे. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार ने आश्चर्यजनक कार्य किया है और इस बारे में कुछ भी रक्षात्मक नहीं है.80 वर्षीय इस नेता ने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस की सरकारों ने अच्छा काम किया है और अभी हम जो कुछ देख रहे हैं वह नेहरु, शास्त्री, इंदिरा गांधी, नरसिंह राव और मनमोहन सिंह सरकार की कोशिशों का नतीजा है.