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इंडियन मुजाहिदीन ने दी मोदी को मारने के लिए तीन शूटरों को सुपारी

नयी दिल्ली: आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) और लश्कर-ए-तैयबा ने नरेंद्र मोदी की हत्या की पूरी तैयारी कर ली है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए आइएम ने तीन शार्प शूटरों को सुपारी दी है. खुफिया ब्यूरो (आइबी) ने सूचना दी है कि कॉल इंटरसेप्ट करने […]

नयी दिल्ली: आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) और लश्कर-ए-तैयबा ने नरेंद्र मोदी की हत्या की पूरी तैयारी कर ली है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए आइएम ने तीन शार्प शूटरों को सुपारी दी है. खुफिया ब्यूरो (आइबी) ने सूचना दी है कि कॉल इंटरसेप्ट करने के दौरान उसे आतंकियों के इस मंसूबे का पता चला.

आइबी के सूत्रों के मुताबिक, मोदी जहां-जहां जाते हैं, उन स्थानों को हाइ अलर्ट पर रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, लश्कर और आइएम के आतंकियों का ब्लास्ट करने का भी प्लान है. सूत्रों के मुताबिक, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी हैदर अली शकूर को मोदी की हत्या की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

इसके लिए एक टीम को नेपाल भेजा गया है, जो वहां के रास्ते भारत में प्रवेश करेगी. पाकिस्तान मूल के तीन शार्प शूटर लश्कर व आइएम के लिए काम कर रहे हैं, जिन पर इस वक्त कड़ी नजर है. आतंकियों की बातचीत से पता चला है कि चुनावी गतिविधियां तेज होने और मोदी के रैलियों को संबोधित करने के वक्त भारत में प्रवेश की कोशिश करेंगे.

आतंकवादी संगठनों के संपर्क में सिमी कार्यकर्ता
नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए हैदर अली प्रतिबंधित संगठन सिमी के पूर्व कैडर की भी सेवा ले रहा है. एक अक्तूबर को मध्यप्रदेश के खंडवा जेल से फरार सिमी कार्यकर्ता अबु फजल 24 दिसंबर को पकड़े जाने से पहले आतंकियों के संपर्क में था. सूत्रों ने कहा कि आइएम के प्लान में मदद के लिए अबु फजल ने हिजबुल मुजाहिदीन और तहरीक ए तालिबान से संपर्क किया था.

मोदी पर न्यायिक फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए
कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को कहा कि गोधरा बाद के दंगों में नरेंद्र मोदी की कथित संलिप्तता पर किसी भी न्यायिक फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए. इस पर सवाल नहीं खड़े किये जाने चाहिए. केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि हम उस युग में हैं जब किसी भी मुद्दे पर न्यायिक प्रणाली को न्याय पाने का अंतिम रास्ता मानते हैं. यदि उसने कोई फैसला दिया है तो हमें इसका सम्मान करना चाहिए. वह उन सवालों का जवाब दे रहे थे जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान गुजरात के सीएम पर आरोप लगाये कि राज्य में 2002 के दंगों को सरकार भड़का रही थी. साक्षात्कार में कोई व्यक्ति अपने विचार पेश कर सकता है, लेकिन राजनीति सिर्फ नेताओं की सोच पर नहीं, बल्कि लोगों की सोच पर भी होती है.

तथ्य है कि अगर न्यायिक प्रणाली ने किसी विवाद को अंतिम विराम दिया है तो हमें इसे वहीं रहने देना चाहिए. मोदी जीतें या हारें लेकिन भारत के लोग निर्णय करेंगे कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा.

राहुल ने क्या कहा था
दो दिन पहले एक टीवी इंटरव्यू में राहुल गांधी ने स्वीकार किया था कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में संभवत: कांग्रेस के कुछ लोग शामिल रहे थे और उन्हें इसकी सजा मिली है. राहुल ने जोर देकर कहा था कि 1984 में कांग्रेस सरकार हिंसा रोकने की कोशिश की. कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार सिख विरोधी दंगों के मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं.

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