बेंगलूर : इसरो ने संचार उपग्रह जीसैट-14 को प्रथम कक्षा से उठाने के अभियान को आज सफलतापूर्वक पूरा किया. यह काम स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ जीएसएलवी-डी 5 रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में इसका प्रक्षेपण कि ये जाने के एक दिन बाद हुआ.
इसरो ने कहा कि शेष दो कक्षा स्थापना अभियान 7 और 9 जनवरी को होंगे ताकि उपग्रह को भूस्थिर कक्षा में स्थापित किया जा सके.आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में अंतरिक्ष यान से स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन अपर स्टेज का जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण वाहन पर सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. इस उपलब्धि ने भारत को अमेरिका, रुस, फ्रांस, जापान और चीन जैसे देशों की श्रेणी में ला दिया, जिन्हें क्रायोजेनिक इंजन प्रौद्योगिकी में महारत हासिल है.
जीएसएलवी-डी 5 मिशन की सफलता ने दो टन से अधिक वजन के उपग्रहों को स्थापित करने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन किया है. इसरो को स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन से जीसैट-6, 7 ए और 9, जीआईसैट (जियो इमेजिंग सैटेलिंग) और चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण करना है.