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बीते साल राजस्थान में आसाराम, नागर मामले ने किया शर्मसार, भाजपा ने रचा इतिहास

जयपुर : मरुभूमि कहलाने वाले राजस्थान में बीते वर्ष कथावाचक आसाराम बापू, राजस्थान के तत्कालीन मंत्री बाबू लाल नागर के कथित दुष्कर्म मामले ने प्रदेश को शर्मसार किया वहीं राजस्थान विधानसभा में रिकार्ड तोड़ मतदान और भाजपा को 200 में से 163 सीटों पर ऐतिहासिक जीत प्रमुख घटना में शामिल रही. कांग्रेस ने ऐतिहासिक गुलाबी […]

जयपुर : मरुभूमि कहलाने वाले राजस्थान में बीते वर्ष कथावाचक आसाराम बापू, राजस्थान के तत्कालीन मंत्री बाबू लाल नागर के कथित दुष्कर्म मामले ने प्रदेश को शर्मसार किया वहीं राजस्थान विधानसभा में रिकार्ड तोड़ मतदान और भाजपा को 200 में से 163 सीटों पर ऐतिहासिक जीत प्रमुख घटना में शामिल रही.

कांग्रेस ने ऐतिहासिक गुलाबी नगरी में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी की पार्टी के उपाध्यक्ष पद पर ताजपोशी कर साल के अंत में होने वाले 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों में, मध्य प्रदेश तथा छतीसगढ़ से भाजपा को उखाड़ फेंकने और राजस्थान तथा दिल्ली में कांग्रेस को फिर से भारी बहुमत से जीत दिलाने की हुंकार भरी थी लेकिन चुनाव परिणामों ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी उडेल दिया.

विकास की दौड़ में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बाड़मेर में तेल रिफाइनरी, भीलवाड़ा में वेबूकोच फैक्टरी, आदिवासी बहुल इलाके बांसवाड़ा डूंगरपुर को रेल से जोड़ने की अभिनव योजनाओं का श्रीगणोश किया. लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 200 में से मात्र 21 सीटें जीत सकी. राजस्थान के इतिहास में यह कांग्रेस की सबसे बडी पराजय का रिकार्ड है.

आसाराम और पूर्व खादी, ग्रामाद्योग राज्य मंत्री बाबू लाल नागर की, कथित दुष्कर्म मामले में गिरफ्तारी ने राज्य को शर्मसार कर दिया. आसाराम और पूर्व राज्य मंत्री बाबू लाल नागर अभी भी जेल में बंद हैं.

राजस्थान पुलिस ने एक बालिका के यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर जोधपुर की एक अदालत में पेश किया. आसाराम की गिरफ्तारी ने आसाराम के पुत्र नारायण साई के जीवन की परतें खोलने का काम किया और उसे भी गिरफ्तार किया गया.

आसाराम का विवाद थमा भी नहीं था कि सीबीआई ने राज्य के तत्कालीन डेयरी राज्य मंत्री बाबू लाल नागर को एक महिला को नौकरी देने के बहाने अपने सरकारी आवास पर बुलाकर कथित दुष्कर्म और पिटाई करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने विपक्ष पर लग रहे सोये रहने के आरोपों का सुराज संकल्प यात्र निकाल कर और विधानसभा चुनाव में पार्टी को शानदार जीत दिलवाकर करारा जवाब दिया.

दूसरी बार राजस्थान की कमान संभालने वाली मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाजपा की ऐतिहासिक जीत के लिए कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियां, थोथी घोषणाओं और भ्रष्टाचार को जिम्मेदार बताया. हालांकि पार्टी का एक गुट राजस्थान में भाजपा की ‘‘ऐतिहासिक विजय’’ के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को श्रेय दे रहा है.

तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए बाड़मेर में रिफाइनरी, आजादी के बाद से रेल सुविधा से मरहूम आदिवासी बहुल इलाके बांसवाड़ा, डूंगरपुर को रेल लाइन से जोड़ने की परियोजना का शिलान्यास करवाया.

पूर्व गहलोत सरकार ने प्रदेश में मुफ्त दवा योजना, नि:शुल्क जांच, पशुओं के लिए नि:शुल्क जांच एवं बुजुर्ग लोगों के लिए पेंशन तथा मुफ्त तीर्थयात्र समेत अन्य कई फ्लैगशिप योजनाओं की सौगात देकर जनता से एक बार फिर समर्थन मांगा लेकिन प्रदेशवासियों ने उसे नकार दिया.

चौटाला को जेल की सजा और खेमका मुद्दे छाये रहे वर्ष भर

चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को टीचर भर्ती घोटाला मामले में जेल की सजा हो या व्हिस्लब्लोअर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के खिलाफ आरोपपत्र का मामला हो कुल मिलाकर हरियाणा बीत रहे वर्ष में गलत कारणों से ही सुर्खियों में बना रहा.

हरियाणा की राजनीति में सत्तारुढ़ पार्टी में इस वर्ष गुटवाद और आंतरिक कलह प्रमुख समस्याएं रहीं जहां उसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर, आप के उभार, इनेलो के रुप में मजबूत विपक्ष और हरियाणा जनहित कांग्रेस भाजपा गठबंधन से पैदा हुई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

इस वर्ष ऐसी अटकलें लगायी जा रही थीं कि हरियाणा जनहित कांग्रेस : एचजेसी : और भाजपा में अलगाव हो जाएगा लेकिन इसके अध्यक्ष और हिसार से सांसद कुलदीप बिश्नोई भाजपा के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने में कामयाब रहे.

1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका इस समय हरियाणा सरकार के अभिलेखागार विभाग में सचिव हैं और वे पूरे साल विभिन्न कारणों से चर्चाओं में बने रहे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा और रियेलिटी सेक्टर की बड़ी कंपनी डीएलएफ के बीच एक भूमि सौदे को रद्द करने संबंधी मामले में दिसंबर में राज्य सरकार के आरोपपत्र में खेमका का नाम दर्ज किया गया है.

हालांकि खेमका को इनेलो और भाजपा समेत विभिन्न पक्षों से समर्थन मिला है जिन्होंने एक ‘‘ईमानदार अधिकारी’’ के पीछे पड़ने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है. हालांकि आप ने खेमका को राज्य में पार्टी की अगुवाई करने की पेशकश दी है.

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