नयी दिल्ली : विशेष अदालत ने आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड के दो निदेशकों को आज जमानत दे दी जिन्हें ओडिशा में एक फर्म को पत्रपाडा कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक कोयला घोटाला मामले में आरोपी केरूप में तलब किया गया था.
विशेष सीबीआइ न्यायाधीश भरत पराशर ने निर्मल कुमार अग्रवाल और महेश कुमार अग्रवाल को एक एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर राहत प्रदान कर दी.
आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि दोनों निदेशक पिछले महीने जारी सम्मन के अनुपालन में आज अदालत में पेश हुए. अदालत ने जमानत प्रदान करते हुए कहा कि आरोपी उसकी पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे.
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को बताया कि वह अपने द्वारा दायर दस्तावेजों और आरोपपत्र की प्रतियां आज खुद ही आरोपियों को उपलब्ध करा देगी.
अदालत ने मामले में अगली तारीख 15 फरवरी निर्धारित की है जिससे कि आरोपी दस्तावेजों का अध्ययन कर सकें.
अदालत ने फर्म और इसके दो निदेशकों को भादंसं की धाराओं – 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा): और 471 (फर्जी दस्तावेज को वास्तवकि केरूप में इस्तेमाल करना) के अतंर्गत आने वाले कथित अपराधों के लिए सम्मन जारी किया था.
सीबीआइ ने अपने आरोपपत्र में कहा कि 30वीं अनुवीक्षण समिति ने पत्रपाडा कोयला ब्लॉक के खंड आवंटन के लिए आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड की सिफारिश की थी.
एजेंसी ने अपने आरोपपत्र में कहा था, ‘‘जांच के दौरान, यह पाया गया कि आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पत्रपाडा कोयला ब्लॉक आवंटन हासिल करने के लिए धोखाधड़ी करने के विचार से इस्पात मंत्रालय और फिर कोयला मंत्रालय-दोनों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर खुद को अनुचितरूप से प्रस्तुत किया.’ आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए फर्म के एक अन्य निदेशक घनश्याम दास अग्रवाल को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया था कि रिकॉर्ड में ऐसे पर्याप्त सबूत नहीं हैं जिससे कि उन्हें मामले में आरोपी केरूप में तलब किया जा सके.