नयी दिल्ली : भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे आज उस वक्त विवादों में घिर गए जब उन्होंने कथित तौर पर कहा कि ‘‘कांग्रेस की तुलना में भाजपा में प्रतिभाशाली लोगों की कमी है.” एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने विनय के हवाले से लिखा, ‘‘कांग्रेस की तुलना में हमारे पास प्रतिभाशाली लोगों की कमी है और अनुभव भी कम है. लेकिन यह चंद समय की बात है. हम अपना आधार बढ़ा लेंगे.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अपने मंत्रिपरिषद में किए जाने वाले संभावित फेरबदल के संदर्भ में विनय ने यह बात कही. उन्होंने कथित तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपेक्षा के अनुरुप काम करने में असफल रहे मंत्रियों को हटाने और सरकार की छवि में सुधार करने के लिए मंत्रिपरिषद में फेरबदल कर सकते हैं लेकिन ‘‘उन्हें योग्य लोग नहीं मिल पा रहे.”
बहरहाल, बाद में विनय ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी बातों को ‘‘गलत तरीके से पेश किया गया” है, क्योंकि उन्होंने भाजपा के ‘‘सीमित अनुभव” की बात कही थी और प्रतिभा के मामले में कांग्रेस से कोई तुलना नहीं की थी. विनय ने कहा, ‘‘मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.
मैं पॉलिसी रिसर्च सेंटर की अगुवाई सालों से करता रहा हूं. उस वक्त से जब इसने अध्ययन कर बताया था कि भाजपा ने किसी अन्य राजनीतिक पार्टी की सरकार की तुलना में किस तरह ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया. लिहाजा, प्रतिभा की सीमा का सवाल तो पैदा ही नहीं होता.” उन्होंने कहा, ‘‘मैं रिपोर्टर को दरअसल यह बताने की कोशिश कर रहा था कि भाजपा सीमित समय तक केंद्र की सत्ता में रही है और अनुभव की कमी है.
मैं सीमित अनुभव की बात कर रहा था, प्रतिभा की नहीं.” इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा नेता ने सच बयान किया है. तिवारी ने कहा, ‘‘भाजपा निश्चित तौर पर प्रतिभा के मामले में नाकाम हो जाती है और उनके पास जो भी प्रतिभाएं हैं उनका इस्तेमाल कुछ रचनात्मक करने की बजाय शायद विनाशकारी कामों के लिए ही होता है.”