नयी दिल्ली: कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा शुक्रवार को यह फैसला किए जाने की संभावना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अगले हफ्ते श्रीलंका में होने वाली राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक :चोगम: में हिस्सा लेना चाहिए या नहीं. सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक होगी जिसमें चोगम में शिरकत करने या न करने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.
गौरतलब है कि कुछ केंद्रीय मंत्री और तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टियां चाहती हैं कि प्रधानमंत्री चोगम में हिस्सा न लें. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर भ्रम की स्थिति में है. एक तबके का मानना है कि चोगम में प्रधानमंत्री की गैर-मौजूदगी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर असर पड़ेगा. लिहाजा, भारत को चोगम में हिस्सा जरुर लेना चाहिए.
कोर ग्रुप ने पिछले महीने भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी. समझा जाता है कि उस वक्त केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने सुझाव दिया था कि प्रधानमंत्री को चोगम में हिस्सा नहीं लेना चाहिए. राजनीतिक रुप से संवेदनशील इस मुद्दे पर कांग्रेस ने अब तक खुल कर अपना कोई विचार जाहिर नहीं किया है.
कांग्रेस की तरफ से कल कहा गया था कि चोगम में हिस्सा लेने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए जो भी फैसला करेंगे, पार्टी उसका समर्थन करेगी. केंद्रीय मंत्रियों – वी नारायणसामी, जयंती नटराजन और जी के वासन ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वे चोगम में प्रधानमंत्री की शिरकत के खिलाफ हैं.