नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने चालू शैक्षणिक वर्ष के लिये एमबीबीएस और पोस्ट ग्रैजुएट पाठ्यक्रमों की परीक्षा के नतीजे घोषित करने पर लगी रोक आज खत्म कर दी.
शीर्ष अदालत ने 13 दिसंबर, 2012 के अपने आदेश में आज संशोधन किया. इस आदेश में न्यायालय ने कहा था कि भारतीय चिकित्सा परिषद, डेन्टल काउन्सिल ऑफ इंडिया और राज्य, विश्वविद्यालय तथा दूसरे संस्थान एमबीबीएम, बीडीएस और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिये परीक्षाओं का आयोजन कर सकते हैं लेकिन वे अगले आदेश तक इसके परिणाम घोषित नहीं करेंगे.
प्रधान न्यायाधीश अलतमस कबीर, न्यायमूर्ति अनिल आर दवे और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि चूंकि न्यायालय निर्धारित अवधि के भीतर इस मसले पर सुनवाई पूरी नहीं कर सका है, इसलिए छात्रों तथा अस्पतालों के हित को ध्यान में रखते हुये पिछले आदेश में संशोधन किया जा रहा है.न्यायालय ने कहा कि अस्पतालों के हितों को भी ध्यान में रखना होगा क्योंकि पोस्ट ग्रैजुएट छात्र ही प्रवेश के बाद मरीजों की देखभाल की ड्यूटी में तैनात किये जाते हैं.
न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘छात्रों और अस्पतालों के हित में हम अपने 13 दिसंबर, 2012 के आदेश में सुधार करके पहले ही आयोजित हो चुकी परीक्षाओं के नतीजे घोषित करने की इजाजत देते हैं.’’ यह आदेश सुनाने के बाद न्यायालय ने स्पष्ट किया कि चालू शैक्षणिक सत्र के लिये उन संस्थाओं में प्रवेश प्रक्रिया जारी रहेगी जहां पहले ही परीक्षायें हो चुकी हैं. न्यायालय ने कहा कि जहां अभी तक परीक्षायें नहीं हुयी हैं, उनके बारे में कुछ नहीं कहा जा रहा है.न्यायालय ने कहा कि यदि 13 दिसंबर, 2012 के आदेश में सुधार नहीं किया गया तो बड़ी संख्या में छात्रों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और उनका एक साल बर्बाद हो जायेगा.