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राजीव महर्षि को गृह सचिव बनाना राजनाथ व जेटली के वर्चस्व की जंग ?

नयी दिल्ली : देश के मौजूदा वित्त सचिव राजीव महर्षि अब अगले गृह सचिव होंगे. महर्षि गृह मंत्रालय में एलसी गोयल की जगह लेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा कर दी है. राजीव महर्षि को यह अहम जिम्मेवारी ऐसे समय में दी गयी है, जब वे आज ही अपनी सेवा से सेवानिवृत्त […]

नयी दिल्ली : देश के मौजूदा वित्त सचिव राजीव महर्षि अब अगले गृह सचिव होंगे. महर्षि गृह मंत्रालय में एलसी गोयल की जगह लेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा कर दी है. राजीव महर्षि को यह अहम जिम्मेवारी ऐसे समय में दी गयी है, जब वे आज ही अपनी सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले थे. अब गृह सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद वे अगले दो साल तक इस पद पर रहेंगे. मालूम हो कि तय नियमों के अनुसार, गृह सचिव का कार्यकाल दो साल का होता है.

राजीव महर्षि को पिछले साल नवंबर में वित्त सचिव बनाया गया था. वे राजस्थान के मुख्य सचिव भी रहे हैं. राजीव महर्षि वैसे चुनिंदा नौकरशाहों में शुमार हैं, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भरोसा करते हैं.
महर्षि 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आइएएस अधिकारी हैं. निवर्तमान गृहसचिव गोयल ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. सूत्रों का कहना है कि उनके सरकार के साथ कुछ बिंदुओं पर मतभेद उभर आये थे.
* एल सीगोयलने अचानक ली रिटायरमेंट
खबर है कि गृह सचिव एल सी गोयल ने अचानक अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया और वक्‍त से पहले रिटायरमेंट ले ली. गोयल के इस फैसले के बाद सरकार ने राजीव महर्षि को नये गृह सचिव बनाये जाने की घोषणा कर दी है. मीडिया में खबर चल रही है कि सरकार गृह सचिव गोयल के काम से संतुष्‍ट नहीं थी. मीडिया में खबर यह भी है कि सरकार के साथ अनबन के कारण गोयल ने अचानक रिटायरमेंट लेने की घोषणा की है.
* गोयल के रिटायरमेंट पर राजनीति
इधर गृह सचिव गोयल के अचानक रिटायरमेंट ले लेने से राजनीति शरू हो गयी है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने गोयल के रिटायरमेंट पर सवाल उठाया है. संजय सिंह ने कहा, गोयल ने अचानक इस तरह से क्‍यों रिटायरमेंट ले ली. इसका खुलासा होना चाहिए. इधर कांग्रेस ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा, केंद्र में मोदी के आगे मंत्रियों की नहीं चलती है.
*क्या इन तीन मुद्दों पर गोयल से नाराज था पीएमओ?
मीडिया में यह खबरें चल रही हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय एलसी गोयल के कामकाज से खुश नहीं था. सन नेटवर्क को उसके एमएम व टीवी चैनल का लाइसेंस नहीं दिये को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में मतभेद उभरे थे. बताया जाता है कि पीएमओ भी इससे नाराज था. सूत्रों का यह भी कहना है कि तीस्ता सितलवाड व उनके एनजीओ के खिलाफ एलसी गोयल द्वारा तेजी से कदम नहीं उठाये जाने को लेकर भी सरकार नाराज थी. इसी तरह नागा समझौते में भी एलसी गोयल के योगदान को लेकर सरकार नाखुश थी. सरकार उन खबरों से भी नाशुख थी, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने इस समझौते के लिए गृहमंत्रालय को विश्वास में नहीं लिया. माना जा रहा है कि इन्हीं तीन कारणों से गोयला के पद से हटाने का मन सरकार ने बनाया.
*क्या राजनाथ व जेटली के बीच वर्चस्व की जंग है यह?
गृह मंत्रालय से एलसी गोयल की अचानक विदाई और राजीव महर्षि की तैनाती से यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या यह गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्तमंत्री अरुण जेटली के बीच वर्चस्व की जंग का नतीजा है. ध्यान रहे कि सन टीवी को लाइसेंस देने के मामले में गृह मंत्रालय व जेटली के नेतृत्व वाले सूचना प्रसारण मंत्रालय में मतभेद उभर आये थे. राजनाथ सिंह ने आज महर्षि की तैनाती पर मीडिया में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मीडिया रिपोर्टों में यह कहा जा रहा है कि एलसी गोयल की सेवानिवृत्ति व राजीव महर्षि की तैनाती से राजनाथ नाराज हैं. हालांकि इस नियुक्ति का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी वाले कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने ही लिया है, जिसकी औपचारिक विज्ञप्ति कार्मिक मंत्रालय ने आज जारी की. राजीव महर्षि को जेटली का करीबी बताया जाता है और वे कई बार उनके साथ काम कर चुके हैं.

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