नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सारे काले धन का पता लगने की स्थिति में प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपये मिलने का चुनाव के समय किया गया दावा विभिन्न अनुमानों में दर्शायी गए प्रतीकात्मक (इलस्ट्रेटिव) आंकडों पर आधारित था.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान काले धन के बारे में पूछे गये पूरक सवालों के जवाब में यह बात कही. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने अभी तक कर वंचना वाली 3250 करोड़ रुपये की आय का पता लगाया है जिसका कर प्रभाव है. उन्होंने बताया कि चूककर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी गयी है.
उन्होंने कहा, मैं सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एचएसबीसी सूची में शामिल ऐसे किसी भी व्यक्ति जिसके खिलाफ सबूत सामने आते हैं, उसे बख्शा नहीं जायेगा. यह पूछे जाने पर कि मोदी ने यह दावा किस आधार पर किया था कि यदि विदेशों में रखा सारा धन वापस आ जाये तो प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपये मिलेंगे जेटली ने कहा, …यह एक प्रतीकात्मक बयान था जिससे संकेत मिलता है कि यदि उनमें से किसी भी दावे :विदेशों में रखे काले धन: को स्वीकार कर लिया जाता है तो …उससे भारत के नागरिकों को लाभ हासिल होगा.
जेटली ने कहा, यह एक ऐसा बयान है जिसे इस परिप्रेक्ष्य में कई लोगों ने दिया है और इसे पूरी तरह से इसी परिप्रेक्ष्य में लिया जाना चाहिए. मोदी ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के समय ऐसा बयान दिया था. जेटली ने कहा कि उन सभी लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करने के प्रयास किये जा रहे हैं जिनके नाम काला धन रखने वालों की एचएसबीसी बैंक सूची में शामिल हैं और जिनके खिलाफ साक्ष्य मौजूद हैं. एचएसबीसी सूची में 628 नाम हैं.
उन्होंने कहा कि एचएसबीसी सूची में बडी संख्या में लोगों की पहचान कर ली गयी है तथा आकलन का काम 31 मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा. वित्त मंत्री जेटली ने कहा, हमने इस प्रक्रिया में पाया कि कुल आय जिसकी वंचना की गयी, 3250 करोड़ रुपये के बराबर है जिसका कर प्रभाव भी है. आकलन पूरा कर लिया गया है. इन मामलों में 200 से अधिक में आकलन पूरा हो चुका है और उनसे मांग की गयी है. कुछ मामलों में वसूली भी पूरी कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऐसे 77 मामलों में आपराधिक अभियोजन को भी अंतिम रुप दे दिया गया है. उनमें से प्रत्येक का विवरण हमारे पास है.
जेटली ने काले धन के बारे में विशेष जांच दल (एसआईटी) का उल्लेख करते हुए कहा कि वह उच्चतम न्यायालय को मासिक सिफारिशें सौंप रही है. काले धन के मुद्दे पर एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा करके रखे गये काले धन का लगातार पता लगाने के प्रयासों के नतीजे निकलने लगे हैं. इनके चलते लोगों पर जुर्माना लगाया गया है और फौजदारी अदालतों में मामले दाखिल किये गये हैं. उन्होंने बताया कि विदेशों में रखे गये काले धन के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं हैं.