नयी दिल्ली: ओड़िशा में 12 अरब डालर की परियोजना खत्म करने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल ने आज कहा कि कर्नाटक एवं झारखंड में 18 अरब डालर की निवेश परियोजनाओं की प्रगति ‘‘ज्यादा संतोषजनक नहीं है.’’ कंपनी की अप्रैल.जून तिमाही के वित्तीय नतीजों के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कंपनी के चेयरमैन लक्ष्मी मित्तल ने कहा कि यदि जल्द ही इन पर उल्लेखनीय प्रगति नहीं होती है तो कंपनी इन दो परियोजनाओं से बाहर निकलने पर विचार कर सकती है.
उन्होंने कहा, ‘‘इन राज्यों (कर्नाटक एवं झारखंड) में प्रगति हुई है, लेकिन साथ ही हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि यह प्रगति बहुत संतोषजनक नहीं है. हमें लगातार नजर रखनी होगी और प्रगति की रफ्तार देखनी होगी.’’मित्तल ने एक कान्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘हम आगे चलकर निरंतर देखते रहेंगे और विकल्पों पर विचार करेंगे क्योंकि इन राज्यों में यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो अलग तरीके से विचार करना पड़ सकता है.’’ उल्लेखनीय है कि आर्सेलरमित्तल ने भूमि अधिग्रहण एवं अन्य मंजूरियों में विलंब के चलते 17 जुलाई को ओड़िशा में अपनी 12 अरब डालर की इस्पात परियोजना रद्द कर दी थी.यह परियोजना 1.2 करोड़ टन क्षमता का इस्पात कारखाना लगाने की थी.