नयी दिल्ली : भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ के कोलंबो स्टेशन प्रमुख से संबंधित खबरों का भारत ने खंडन किया है. आज प्रसारित खबरों में कहा गया है कि ‘रॉ’ के कोलंबो स्टेशन प्रमुख को इस महीने श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में निष्कासित कर दिया गया था. भारत ने कहा कि तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद ‘रॉ’ के कोलंबो स्टेशन प्रमुख का तबादला किया गया था.
कोलंबो से आई खबरों में कहा गया है कि श्रीलंका सरकार ने भारत से दिसंबर में कहा था कि वह अपने अधिकारी को वापस बुला ले क्योंकि वह राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल करने वाले विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार मैत्रीपाला सिरिसेना के लिए कथित तौर पर समर्थन जुटाने का काम कर रहे थे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘श्रीलंका में किसी भारतीय राजनयिक का सामान्य कार्यकाल तीन साल का होता है और पिछले साल जिन अधिकारियों के तबादले किए गए उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था. यह एक सामान्य तबादला था.’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इसका तब तक ज्यादा मतलब न निकालें जब तक कोई सामने आकर ‘हां’ न कहे. बेनाम सूत्रों के इस्तेमाल से पीछे छुपना और सच को झुठलाना होगा.’’
मीडिया में आई खबरों को खारिज करते हुए प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यदि किसी के पास कोई सबूत है तो मैं उसे चुनौती देने के लिए तैयार हूं. और नहीं तो मेरी राय को अंतिम शब्द समझे.’’ खास तौर पर यह पूछे जाने पर कि क्या वह खबर को खारिज करते हैं, इस पर प्रवक्ता ने हां में जवाब दिया. सूत्रों ने बताया कि रॉ अधिकारी ने पिछले साल सितंबर में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया था.
गौरतलब है कि आठ जनवरी को हुए श्रीलंकाई राष्ट्रपति चुनाव में सिरिसेना ने महिंदा राजपक्षे को करारी मात दी थी. राजपक्षे पिछले 10 साल से राष्ट्रपति पद पर थे. ‘रॉ’ अधिकारी को निष्कासित करने की खबरें ऐसे समय पर आई हैं तब श्रीलंका के नए विदेश मंत्री मंगला समरवीरा भारत दौरे पर हैं.